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उत्तर प्रदेश में कृशि वानिकी विकास के अवसरों पर चर्चा

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उत्तर प्रदेश में कृशि वानिकी विकास के अवसरों पर चर्चा

उत्तर प्रदेष राज्य में कृशि वानिकी को बढ़ाने हेतु डॉ जावेद रिजवी, महाद्वीपीय निदेशक, एशिया, सीआईएफओआर एण्ड आईसीआरएएफ ने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कृशि वानिकी को बढ़ाना अनेक पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक लाभ प्राप्त करने कीमहत्वपूर्ण क्षमता रखता है

उत्तर प्रदेश में कृशि वानिकी विकास के अवसरों पर चर्चा

Green Update
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश तथा विष्व कृषि वानिकी ष्ॅवतसक ।हतववितमेजतलष् एवं सेंटर फॉर इंटरनेशनल फॉरेस्टंी रिसर्च ष्ब्मदजमत वित प्दजमतदंजपवदंस थ्वतमेजतल त्मेमंतबी.ब्प्थ्व्त्ष् द्वारा संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश मंे कृशि वानिकी हेतु अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यषाला1 जून को अरण्य भवन, लखनऊ में आयोजित की गयी। जलवायु परिवर्तन जोखिम]ध्संकट को सार्थक रूप से कम करने, प्रकाश्ठ से सम्बन्धित उद्यम को बढ़ावा देने तथा पर्यावरण को मानव, पशुधन तथा कृशि हेतु अधिक अनुकूल बनाने के लिए वृक्षों की महत्वपूर्ण भूिमका है। उक्त के अतिरिक्त मिट्टी कटान एवं क्षरण कम करनाय निम्नीकृत भूिम के पुनर्वास में सहयोगय मिट्टी के कार्बनिक पदार्थय पृथक्करण एवं वायुमंडलीय कार्बन अवषोशण ष्ब्ंतइवद ेमुनमेजतंजपवदष् तथा कार्बन फाइनेन्सिंग ष्ब्ंतइवद पिदंदबपदहष् के माध्यम से कृशकों की आय दोगुनाध्बढ़ाना तथा जैव विविधता विकास तथा कई अन्य सामाजिक, धार्मिक और सौंदर्य लाभ प्रदान करने में सहायक हैं।
इस अवसर पर कार्यषाला के मुख्य अतिथि मनोज सिंह, आईएएस अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेष द्वारा उद्बोधन दिया गया कि यह वर्कषाप भविश्य में कृशि वानिकी सम्बन्धित अभियान को आगे बढ़ाने तथा क्षेत्र स्तर पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में कृशि वानिकी प्रजातियों हेतु ग्रामीण पौधषाला टपससंहम छनतेमतल की स्थापना, फाॅरवर्ड-बैकवर्ड लिंकेज व्यवस्था बनाये जाने मंे सहायक सिद्ध होगी। इस अवसर पर ममता संजीव दूबे, आईएफएस प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेष द्वारा सुझाव दिया गया कि कृशि वानिकी सम्बन्धित अभियान को सफल बनाने हेतु ग्रामीण क्षेत्र स्तर पर महिलाओं की भागीदारी को सुनिष्चित किया जाना तथा महिला स्वयं सहायता समूह ॅैभ्ळ बनाकर योजना को लागू करने के प्रयास भी किये जाने चाहिए ताकि मिषन को सफल बनाया जा सके।
उत्तर प्रदेष राज्य में कृशि वानिकी को बढ़ाने हेतु डॉ जावेद रिजवी, महाद्वीपीय निदेशक, एशिया, सीआईएफओआर एण्ड आईसीआरएएफ ने कहा कि “उत्तर प्रदेश में कृशि वानिकी को बढ़ाना अनेक पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक लाभ प्राप्त करने कीमहत्वपूर्ण क्षमता रखता है। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेष सरकार पूर्व से ही कृशि वानिकी को बढ़ावा दियेजाने हेतु सार्थक कदम उठाये गये हैं, परन्तु अभी भी प्रदेष में कृशि वानिकी को बढ़ाने हेतु अपार सम्भावनाएं विद्यमान हैं।’’ कृशि वानिकी के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के वृक्षों के विशय में जानकारी तथा कृशकों को कृशिवानिकी वृक्षारोपण में सुगमता हेतु ।हतववितमेजतल ।चच बनाया जायेगा। उत्तर प्रदेष में हरीतिमाआवरण को 9.23ः से 15.00ः बढ़ाने में कृशि वानिकी के वृहत योगदान के सम्बन्ध में रणनीति पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कृषि विभाग तथा उद्यान विभाग के अधिकारियों, सीआईएफओआर एण्ड आईसीआरएएफ की इण्डिया टीम, स्वयं सेवी संस्थान के प्रतिनिधि, कृशि विष्वविद्यालय के प्रतिनिधि तथा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया गया।
कृशि मंत्री उत्तर प्रदेष सूर्य प्रताप षाही ने दिनांक 24 मई को अरण्य भवनए लखनऊ स्थित पारिजात कक्ष में प्रदेष सरकार के वरिश्ठमंत्रिगणों एवं वरिश्ठ अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 की समीक्षा की। मंत्री जी ने उपस्थित माननीय मंत्रिगणों एवं वरिश्ठ अधिकारियों से कहा कि प्रदेष को हरा भरा कर स्वच्छ पर्यावरण उपलब्ध करवाना प्रदेष सरकार की षीर्श प्राथमिकता है। मंत्री जी ने ग्राम्य विकासए कृशि पंचायती राज, राजस्व, रेषम व पषुपालन विभाग सहित विभिन्न विभागों के वरिश्ठ अधिकारियों को निर्देषित किया कि वृक्षारोपण जन आंदोलन 2022 के सफल क्रियान्वयन हेतु विभागों को आवंटित वृक्षारोपण कार्य में गुणवत्ताए पारदर्षिता व समयबद्धता सुनिष्चित करने के साथ ही रिक्त बंजर व वेस्टलैण्ड की पुनस्र्थापनाए राजकीय विभागों व संस्थाओं की ऐसी रिक्त भूमि जहाॅं बाउण्ड्री वाॅल हो एवं कृशि वानिकी को प्रोत्साहन हेतु कृशकों की भूमि पर अधिक से अधिक रोपण किया जाए। षाही ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय एवं व्यापक जन सहभागिता से रोपित किए गए पौध भावी पी.सजयी को स्वच्छ वायु, जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षाए प्रकाश्ठ आधारित उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति एवं कार्बन के्रडिट सृजित करने में सहायक सिद्ध होंगे। कृशि मंत्री ने समीक्षा बैठक में उपस्थित वरिश्ठ विभागीय अधिकारियों को वृक्षारोपण प्रगति की नियमित अनुश्रवण व समीक्षा करने का निर्देष दिया। राज्य मंत्रीष् स्वतंत्र प्रभारद्ध, पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभागए उत्तर प्रदेष डाक्टर अरूण कुमार सक्सेना ने वृक्षारोपण अभियानों के सफल क्रियान्वयन द्वारा वन आवरण तथा वृक्षावरण को 2030 तक 15ः तक करने की योजना है।
 

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