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प्लांटेशन में घपलाः वन मंत्री ने मथुरा उप प्रभागीय वनाधिकारी व मांट रेंजर को मुख्यालय से किया संबद्ध

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प्लांटेशन में घपलाः वन मंत्री ने मथुरा उप प्रभागीय वनाधिकारी व मांट रेंजर को मुख्यालय से किया संबद्ध

प्रदेश के वन मंत्री डाव अरुण कुमार सक्सेना ने जनपद मथुरा के मांट रेंज के तुलागढ़ी प्लांटेशन स्थल का आज औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्लांटेशन स्थल तुलागढ़ी में 20 प्रतिशत से भी कम पौधे पाए गए...

प्लांटेशन में घपलाः वन मंत्री ने मथुरा उप प्रभागीय वनाधिकारी व मांट रेंजर को मुख्यालय से किया संबद्ध

Green Update
प्रदेश के वन मंत्री डाव अरुण कुमार सक्सेना ने जनपद मथुरा के मांट रेंज के तुलागढ़ी प्लांटेशन स्थल का आज औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्लांटेशन स्थल तुलागढ़ी में 20 प्रतिशत से भी कम पौधे पाए गए इसपर मंत्री जी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी  वेंकट श्रीकर पटेल को जाँच के आदेश दिए साथ ही उप प्रभागीय वनाधिकारी मनीष कुमार तथा मांट रेंजर बुद्ध प्रिया गौतम को मुख्यालय से संबद्ध करने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चैधरी को दिए।
तीव्र आर्थिक विकास के साथ पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का समुचित एकीकरण अत्यंत आवश्यकः वन मंत्री 
पर्यावरण, वन एवं जलवाय् परिवर्तन विभाग तथा उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण, यूपीनेडा, द्वारा 24 नवम्बर को योजना भवन लखनऊ में ‘‘संतुलित विकास एवं पर्यावरण संरक्षण - विकसित उत्तर प्रदेश /2047‘‘ विषय पर एक उच्च-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्यमंत्री (स्वतंतर प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने हेत तीव्र आर्थिक विकास के साथ पर्यावरणीय सुरक्षा उपायो का समुचित एकीकरण अत्यंत आवश्यक है। अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा पंचायती राज विभाग ने नीति सुधारों में तीव्रता लाने एवं सुदढ़ संस्थागत तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उत्तर प्रदेश जलवायु कार्रवाई में अग्रणी राज्य के रूप में उभर सके। आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, योजना, ने दीर्घकालिक विकास योजनाओं में जलवायु-सम्बंधित विचारों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे समान एवं लचीला विकास सुनिश्चित किया जा सके। बी. प्रभाकर, पीसीसीएफ (मानिटरिंग), ने वनों के संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्थापन तथा जिलास्तरीय जलवायु अनुकलन उपायों के महत्व को रेखांकित किया। इंदरजीत सिंह, निदेशक, यूपीनेडा, ने राज्य में नवाचार आधारित मॉडलों एवं सार्वजनिक-निजी सहभागिता के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को व्यापक रूप से बढाने की क्षमता पर प्रकाश डाला। बी. चन्द्रकला, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन एवं मूख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीकैंप, ने नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने एवं निम्न-कार्बन मार्गों में तीव्रता, परिपत्र अर्थव्यवस्था एवं संसाधन-कुशलता को बढ़ावा, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्थापन एवं जैव विविधता संरक्षण सुदहृढ करना, अवसंरचना को जलवायु-लचीला बनाना ‘एवं आपदा-जोखिम न्यूनीकरण मजबूत करना, हरित बांड, मिश्रित वित्त एवं अंतरराष्ट्रीय जलवायु निधियों के माध्यम से जलवायु वित्त जुटाना की आवश्यकता पर जोर दिया। 
 

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