A First-Of-Its-Kind Magazine On Environment Which Is For Nature, Of Nature, By Us (RNI No.: UPBIL/2016/66220)

Support Us
   
Magazine Subcription

जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करने हेतु वृक्षारोपण

TreeTake is a monthly bilingual colour magazine on environment that is fully committed to serving Mother Nature with well researched, interactive and engaging articles and lots of interesting info.

जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करने हेतु वृक्षारोपण

शहरों में नन्दन वन की स्थापना से शहरवासी इसमें विचरण कर स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ आनन्द का अनुभव करेंगे। नन्दन वन में सघन वृक्षारोपण प्रस्तावित है...

 जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करने हेतु वृक्षारोपण

Green Update
प्रदेश को हरा-भरा बनाने, पर्यावरण संतुलन स्थापित करने, प्राकृतवास में सुधार, वृक्षारोपण व वानिकी गतिविधि के माध्यम से आजीविका व रोजगार के अवसर सृजित करने, विद्यार्थियों में पौध रोपण के संस्कार विकसित करने व प्रकृति की व्यावहारिक शिक्षा देने, कृशकों की आय में वृद्धि हेतु प्रदेश में वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न राजकीय विभागों व व्यापक जन सहभागिता से विगत 6 वर्षों में 135 करोड़ पौध रोपित किए गए हैं तथा इस वर्षाकाल में 35 करोड़ पौध रोपित किए जा रहे हैं। दिनांक 22 जुलाई, 2023 को 30 करोड़ एवं 15 अगस्त, 2023 को 5 करोड़ पौध रोपित किए जा रहे हैं।
स्वस्थ व मध्यम आयु का एक वृक्ष प्रतिदिन 225.80 लीटर आॅक्सीजन का उत्पादन करता है। इस प्रकार 22 जुलाई, 2023 को प्रदेष में रोपित किए जा रहे 30 करोड़ पौध पल व बढ़कर वृक्ष का रूप धारण करने पर प्रतिदिन 6,774 करोड़ लीटर आॅक्सीजन का उत्पादन करेंगे। यह आॅक्सीजन 12.30 करोड़ प्रदेशवासियों की आॅक्सीजन की आवष्यकता पूर्ण करेगी। 30 करोड़ पौध वृक्ष का रूप धारण कर 17.66 लाख मैट्रिक टन कार्बन डाई आॅक्साईड पृथक कर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करने में सहायक होंगे। प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान-2023 के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों व संस्थाओं की समन्वय बैठक वन विभाग मुख्यालय के पारिजात सभागार में दो सत्रों में सम्पन्न हुई। प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान को आम जनमानस के सहयोग से महा अभियान के रूप में परिवर्तित करने की मुख्यमंत्री की पहल के क्रम आज पारिजात सभागार में ग्राम विकास, पंचायतीराज, राजस्व, कृषि, रेशम, पशुपालन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, रेल विभाग, रक्षा विभाग व होमगार्ड विभागों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। समन्वय बैठक में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना ने वृक्षारोपण अभियान को वृहद स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न विभागों व संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के खतरे पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की चिन्ता को दृष्टिगत रखते हुए इसको शत-प्रतिशत सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से समन्वय के लिए राज्य स्तर पर विभागीय नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं, जो विभागों के साथ मिलकर माइक्रो प्लान, अग्रिम मृदा कार्य, पौधों की सुरक्षा आदि विचार-विमर्श कर कार्य करेंगे। वन मंत्री ने कहा कि विभिन्न संस्थाओं तथा बैंकिंग सेक्टर में सी0एस0आर0 फण्ड के माध्यम से रोपण क्षेत्र का अंगीकरण तथा रोपित पौधों की सुरक्षाध्सिंचाई हेतु सहयोग प्राप्त किया जाये। व्यापक जन-जागरूकता अभियान में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षावरण व वृक्षारोपण के महत्व, जल संरक्षण, स्वच्छता, प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना एवं ग्रामीणों द्वारा खाद-कम्पोस्ट का उपयोग आदि विषयों को प्राथमिकता दिया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव में प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रतियोगिता, निबन्ध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी आदि के माध्यम से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हम प्रदेश के ढाई करोड़ किसानों से आह्वान करते हैं कि प्रतीक किसान कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं। साथ ही अपने परिवार की तरह उसकी सुरक्षा और संरक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में हम सभी ने ऑक्सीजन के अभाव को देखा, यदि हम वन क्षेत्र को बढ़ाएं तो सर्वत्र प्राकृतिक ऑक्सीजन की मात्रा लगातार बनी रहेगी। वनों के क्षेत्र को बढ़ाकर हम मौसम के समय में आ रहे अप्रत्याशित बदलाव और वैश्विक रुप से हो रहे जलवायु परिवर्तन की समस्या से आसानी से निपट सकेंगे। उन्होंने यह विश्वास जताया की 35 करोड वृक्षारोपण का लक्ष्य प्रदेश की 25 करोड से अधिक आबादी के लिए बहुत आसान लक्ष्य है। उन्होंने पौधारोपण के इस कार्य में लगी वन विभाग की टीम को अग्रिम शुभकामनाएं दी। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दनेश प्रताप सिंह ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम से पूर्व प्लांनिंग की जाय कि क्लाईमेट जोन के अनुसार कौन-सा पौधा किस स्थान पर रोपित किया जाना है। वृक्षारोपण अभियान-2023 में फलदार पौधों को रोपित करने में वरीयता दी जाए, जिससे कि जनमानस श्रद्धाभाव से अभियान से जुडेगा। वृक्षारोपण के कार्य में ग्राम प्रधानों का अधिक से अधिक सहयोग लिया जाय इसके लिए ब्लाक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठक कर ली जाय। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण में छात्र-छात्राओं का सहयोग लिया जाना अच्छा प्रयोग होगा। इसके साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके वरिष्ठ नागरिकों को भी इस अभियान से जोड़ा जाना लाभदायक होगा। वृक्षारोपण कार्य में प्रत्येक विभाग रूचि लेकर इसमे सहयोग करें। पौधे रोपित करने से लेकर उसकी सुरक्षा तक ध्यान रखने से वृक्षारोपण के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है। औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्ध लोगों को भी वृक्षारोपण के कार्य से जोड़ा जाय। उन्होंने कहा कि विगत वृक्षारोपण के कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए, जिससे वृक्षारोपण के कार्यों को पहले से और बेहतर किया जा सके।
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम मे लोग बड़े उत्साह से प्रतिभाग कर पौधे रोपित करने का कार्य करते हैं। पौधे को रोपित करके न छोड़ा जाय बल्कि उसके फलने-फूलने तक उसकी सुरक्षा का इंतेजाम भी किया जाय। उन्होंने कहा कि जनसामान्य को जागरूक किया जाय कि अपने जन्मदिवस पर एक पौधा जरूर रोपित करें। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम सिर्फ प्रदेश सरकार का नही बल्कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का है। जीवनदायिनी आक्सीजन के लिए सभी नागरिकों को वृक्षारोपण कार्यक्रम मे बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत आने वाले आईटीआई एवं कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से भी वृक्षारोपण कार्यक्रम में सहयोग प्रदान किया जायेगा।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का कार्य किया जाय। वृक्षारोपण कार्यक्रम को बेहतर ढंग से अधिक-से-अधिक पौधे रोपित किए जाएं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग वृक्षारोपण कार्यक्रम में सहयोग प्रदान कर रहा है। इस अभियान मंे कक्षा 06 से 08 तक के स्कूली बच्चों के द्वारा पौधे रोपित करने का कार्यक्रम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ परिवार को जोड़ने से बच्चों के माध्यम से फलदार पौधे घर तक पहुंचेंगे, जिससे उनका न्यूट्रीशिन भी बेहतर होगा।
उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश को हरा-भरा बनाने एवं वातावरण से कार्बन पृथक्कीकरण कर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करने में लोक निर्माण विभाग एवं सड़क व पुल निर्माण करने वाली एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राज्य राजमार्ग प्राधिकरण एवं यूपीडा (यू0पी0ई0आई0डी0ऐ0) द्वारा अग्रिम मृदा कार्य, पौधशालाओं से पौध प्राप्त करने हेतु पौध आपूर्ति प्लान की विस्तृत समीक्षा कर लोक निर्माण विभाग को आवंटित लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करने, राष्ट्रीय राजमार्गों, हाइवे तथा सम्पर्क मार्गों के दोनों किनारों पर उपलब्ध स्थानों पर छायादार, शोभाकार एवं स्थानीय मृदा व जलवायु के अनुरूप पौध रोपित करने का निर्देश दिये। 
पर्यावरण एवं वन मंत्री ने कहा कि हम सब अनुभव कर रहे हैं कि प्रत्येक वर्ष तापमान में वृद्धि होने के साथ ही मौसम चक्र में अनियमितता के परिणामस्वरूप वर्षाकाल की अवधि में परिवर्तन हो गया है। मौसम चक्र में परिवर्तन का मुख्य कारण वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साईड की मात्रा में वृद्धि के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि व जलवायु परिवर्तन है। उन्होनें कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने का उत्तरदायित्व प्रत्येक व्यक्ति का है तथा इस दिशा में हम सबको मिलजुल कर प्रयास करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर स्टाम्प व न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि वृक्षारोपण, जल संरक्षण, पृथ्वी व पर्वत को उच्च स्थान प्रदान करना एवं पर्यावरण संरक्षण हमारी परम्परा व संस्कृति के अविभाज्य अंग हैं। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण को जन संवेदना से जोड़ने, पितृ विसर्जन के अवसर पर पितरों को जल देने के साथ पौध रोपण व सिंचन, दुर्गम पठारी क्षेत्रों में पीपल, बरगद व पाकड़ के बीजों का हवाई छिड़काव एवं वृक्षारोपण व सुरक्षा में आवासीय कालोनियों के निवासियों की सहभागिता प्राप्त कर प्रदेश में हरियाली में वृद्धि करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे ने खनन के समय अनापत्ति प्रमाणपत्र के साथ दिए गए वृक्षारोपण के लक्ष्य का अनुश्रवण, खनिज विकास फण्ड व सीएसआर फण्ड के माध्यम से वृक्षारोपण की सुरक्षा, उद्योगों को लाइसेंसध्क्लीयरेंस देते समय मियावॉकी पैटर्न पर वृक्षारोपण, फाइटोरेमीडिएशन पौध की सूची सम्बन्धित विभाग को उपलब्ध करवाने, जिला आयुष अधिकारी को सूची के अनुसार औषधीय पौधे उपलब्ध करवाने एवं परिवहन डिपो के समीप वृक्षारोपण करने हेतु प्रभागीय वनाधिकारियों व सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया। दूबे ने कहा कि वृक्षारोपण के प्रमुख उद्देश्यों में जल स्तर में सुधार, वातावरण से कार्बन पृथक कर संग्रहीत करना एवं हरीतिमा वृद्धि शामिल है। उन्होनंे कहा कि वृक्षारोपण मात्र राजकीय कार्य ही नहीं है अपितु यह जीवन बचाने की गतिविधि है।
शहर की घनी आबादी में न्यूनतम एक हेक्टेयर व अधिकतम 10 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वाटिकाएं विकसित की गई हैं। प्रदेश के 14 जनपदों यथा आगरा, फिरोजाबाद, झाँसी, कानपुर देहात, औरैया, गोरखपुर, हरदोई, हाथरस, कानपुर नगर, इटावा, रायबरेली, मुरादाबाद, अमरोहा एवं वाराणसी में 722 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 351 नगर वन-नगर वाटिकाएं विकसित की गई हैं। वृक्षारोपण अभियान 2023 के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों में नन्दन वन विकसित किए जा रहे हैं। नन्दन का अर्थ आनन्द देने वाला अथवा प्रसन्न करने वाला है। शहरों में नन्दन वन की स्थापना से शहरवासी इसमें विचरण कर स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ आनन्द का अनुभव करेंगे। नन्दन वन में सघन वृक्षारोपण प्रस्तावित है। नन्दन वन में वृक्ष प्रजाति झाड़ियों व छोटे पौधों का सघन रोपण कर घना वन विकसित किया जाना प्रस्तावित है। नन्दन वन जलवायु परिवर्तन की बढ़ रही चुनौतियों का सामना करने हेतु भ्रमण करने वाले व्यक्तियों में हरीतिमा संवर्धन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होगा।

Leave a comment