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प्रदेश के वन मंत्री ने कार्यभार ग्रहण किया

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प्रदेश के वन मंत्री ने कार्यभार ग्रहण किया

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना ने आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात कार्यभार ग्रहण कर लिया...

प्रदेश के वन मंत्री ने कार्यभार ग्रहण किया

Green Update

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना ने आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात कार्यभार ग्रहण कर लिया। वन मंत्री ने इसके पश्चात विभागीय कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों को मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप 100 दिन की विभागीय कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए समयबद्ध एवं ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन की सुख सुविधाओं को बढ़ाने मंे विभाग को अहम जिम्मेदारी निभानी है।
उद्योगों में आॅफग्रिड सोलर पावर संेटर बनाये जाने चाहिएः अपर मुख्य सचिव
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उप्र एवं जलवायु परिवर्तन प्राधिकरण द्वारा ईईएसएल, यूपी नेडा एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ऊर्जा संरक्षण के समाधान के राह में अग्रसर होने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन कराया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उप्र के द्वारा किया गया। प्रथम सत्र में अनिल कुमार, सचिव, यूपी नेडा, विनम्र मिश्रा, निदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय एवं अनिमेष मिश्रा, मुख्य महाप्रबन्धक, ईईएसएल भी सम्मिलित हुये। अपने संबोधन में मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिए छोटे एवं महत्वपूर्ण कदम उठाने पर जोर दिया। उनके द्वारा उद्योगों में जीरो ईफेक्ट-जीरो डिफेक्ट तकनीक अपनाने तथा ग्राम समाज की जमीन पर आॅफग्रिड सोलर पावर संेटर बनाये जाने का सुझाव दिया। आशीष तिवारी, सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उप्र द्वारा पंचामृत के दृष्टिकोण को अपनाते हुये 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 01 बिलियन टन की कटौती किये जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के संकल्प को दोहराया। तिवारी द्वारा अवगत कराया गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार किये जा रहे ‘स्टेट एक्शन प्लान’में 09 मिशन को सम्मिलित किया गया है जिसमें वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त किये जाने का रोड मैप तैयार किया गया है।“ऊर्जा दक्षता तथा एमएसएमई सेक्टर“ के तकनीकी सत्र मंे मुख्य अतिथि नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन द्वारा प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से 04-05 क्षेत्र जैसे कि मुरादाबाद, वाराणसी, मुजफ्फरनगर में नई तकनीकी पर आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन दिये जाने के लिए माॅडल एरिया के रूप में विकसित किये जाने पर जोर दिया। सहगल द्वारा इस कार्य में तेजी लाने हेतु विभिन्न विभाग जैसे ईईएसएल,एमएसएमई, नेडा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मध्य एक एमओयू तैयार किये जाने का प्रस्ताव दिया। एमएसएमई सेक्टर के अंतर्गत प्रस्तावित स्किमों के बारे में विनम्र मिश्रा, निदेशक, एमएसएमई एवं गिरिजा शंकर, महाप्रबंधक, ईईएसएल ने विस्तार से बताया। लो कार्बन बिलिं्डग ट्रांसिसन प्रोग्राम में अक्षय त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण में बिलिं्डग निर्माण व स्थल विकास में ऊर्जा संरक्षण के बिन्दुओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। अन्य तकनीकी सत्रों में विभिन्न उद्योगों, शैक्षणिक संस्थाओं व विभागों के आमंत्रित एक्सपट्र्स द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर अपने सुझाव एवं विचार प्रस्तुत कियें। सत्र में ‘प्रश्नोत्तरी सत्र’ के माध्यम से प्रतिभागियों ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। तकनीकी सत्रों का संचालन आशीष जिंदल, ईईएसएल द्वारा किया गया। सत्र का समापन आलोक मिश्रा, ईईएसएल द्वारा सभी आमंत्रित वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद देने के साथ किया गया।
वन एवं सतत् उत्पादन व उपभोग कार्यशाला
अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ‘वन एवं सतत् उत्पादन व उपभोग‘ विषय पर आयोजित कार्यशाला की मुख्य अतिथि आर शोभा, सलाहकार, तेलंगाना सरकार ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ करने के उपरान्त प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। शोभा ने तेलंगाना सरकार द्वारा संचालित ‘हरीता हारम‘ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि वृक्षारोपण को जन आन्दोलन बनाने हेतु समाज के समस्त वर्गों, जन प्रतिनिधियों, सभी क्षेत्र के प्रतिनिधियों एवं प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण अभियान से जोड़ा जाना आवश्यक है। वृक्षारोपण को दैनिक जीवन का अंग व संस्कार के रूप में अपनाकर हरीतिमा संवर्धन का लक्ष्य प्राप्त किया जाना संभव है। शोभा ने कहा कि ‘हरीतिमा हारम‘ के माध्यम से तेलंगाना वनावरण व वृक्षावरण वृद्धि में सफल हुआ है। मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उप्र0 शासन ने विगत 5 वर्षों में 100 करोड़ पौध रोपित किए जाने पर वन विभाग को बधाई देते हुए कहा कि अन्य विभागों के साथ समन्वय व जन सहयोग से आगामी काल में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण हेतु पौधषाला प्रबन्ध महत्वपूर्ण है। सिंह ने कहा कि वन दिवस के अवसर पर ‘वन एवं सतत् उत्पाद और खपत’ पर आयोजित कार्यषाला अत्यन्त प्रासंगिक व महत्वपूर्ण  है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वनावरण व वृक्षावरण में वृद्धि हेतु प्रदेष में वानिकी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सिंह ने वन व वन्य प्राणियों को जन संवेदना से जोड़ने, इको पर्यटन को प्रोत्साहन एवं वनाधारित उत्पादों की आपूर्ति हेतु न्याय पंचायत स्तर पर वनाधारित उद्योगों की स्थापना, ग्राम स्तर पर योजना तैयार किए जाने, (माइक्रोप्लानिंग) मांग पर पौधों की आपूर्ति एवं सघन वृक्षारोपण की दिषा में कार्य करने की आवष्यकता प्रतिपादित की। ममता संजीव दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उप्र ने मुख्य अतिथियों व प्रतिभागियांे का स्वागत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रªीय वन दिवस जैसे अवसर प्रकृति संरक्षण के हमारे उत्तरदायित्व का स्मरण कराते हैं। ममता संजीव दूबे ने कार्यशाला की पृष्ठ भूमि, उद्देश्य व रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए विश्वास व्यक्त किया कि कार्यशाला अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सफल सिद्ध होगी। आशीष तिवारी, सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, उप्र, ने ‘जलवायु परिवर्तन रणनीति में वनों का संवहनीय प्रबन्ध एवं डाॅ सुरेश गैरोला, एफएसएसी इण्डिया के कण्ट्री निदेशक, द्वारा ‘वन प्रमाणीकरण के माध्यम से उत्तरदायी वन प्रबन्ध‘ विषयों पर विचार व्यक्त किए गये। कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता ममता संजीव दूबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उप्र, एवं सह अध्यक्षता मुकेश कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी, उत्तर प्रदेश ने की। कार्यशाला का द्वितीय तकनीकी सत्र ‘संवहनीय इको पर्यटन एवं जैव विविधता संरक्षण‘ विषयवस्तु पर आधारित कर संवहनीय इको पर्यटन को प्रोत्साहित करने में राज्य की भूमिका विषय पर संजय सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, उप्र स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन इको पर्यटन पर सतोविशा, उप वन संरक्षक, छत्तीसगढ़, रंजीत कौर, कतर्नियाघाट, बहराईच द्वारा संरक्षित क्षेत्र के बाहर इको पर्यटन एवं अचलेन्दर रेड्डी निदेशक, सीआईपीएस हैदराबाद द्वारा जैवविविधता विषयवस्तु पर आधारित व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड एवं लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। मुख्य अतिथि व मंचासीन अतिथियों ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड व वन विभाग द्वारा तैयार किए गए ब्रोशर ‘अन्तर्राष्ट्रीय वन दिवस 21 मार्च‘ एवं ‘वनों की अग्नि से सुरक्षा‘ का विमोचन किया। कार्यशाला में सम्पूर्ण प्रदेश से आए वरिष्ठ वनाधिकारियों, विद्यार्थियों एवं पर्यावरण व वानिकी क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

लखनऊ से हल्द्वानी तक बनेगा 300 किलोमीटर लंबा गोमती एक्सप्रेसवे
यूपी की राजधानी लखनऊ से उत्तराखंड के बीच 300 किमी लंबा एक्सप्रेस बनाया जाएगा। गोमती एक्सप्रेसवे नाम से बनने वाला ये राजमार्ग गोमती नदी किनारे बनेगा और दुधवा नेशनल पार्क को जोड़ते हुए उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी शहर को जोड़ेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने करीब 15 हजार करोड़ रुपये लागत वाले इस एक्सप्रेस-वे का खाका तैयार कर इसे सिटी डेवलपमेंट प्लान में शामिल किया है। एलडीए ने शासन के निर्देश पर लखनऊ के सुनियोजित विकास के लिए सिटी डेवलपमेंट प्लान बनाया है। शासन को भेजी सिटी डेवलपमेंट प्लान रिपोर्ट में शहर के अंदर कई फ्लाईओवर, अंडरपास, फुट ओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव है। इसके साथ एक बड़ी परियोजना के रूप में लखनऊ को सीधे उत्तराखंड से जोड़ने के लिए नया एक्सप्रेसवे बनाने का प्रस्ताव है। प्राधिकरण ने प्राथमिक स्तर पर इसका अध्ययन भी करवा लिया है। यह एक्सप्रेसवे लखनऊ में गोमती नदी के किनारे से बनेगा। इस दायरे में आईआईएम रोड तक गोमती किनारे ग्रीन कॉरिडोर बनना है। ग्रीन कॉरिडोर खत्म होने के बाद आगे से गोमती एक्सप्रेसवे बनेगा। लखनऊ में गोमती नदी किनारे इसकी लंबाई करीब 40 किमी होगी। गोमती किनारे एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए जमीन भी खाली है। इसके लिए अधिक जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। गोमती एक्सप्रेसवे बनाने के खर्च का भी आकलन हो चुका है। जमीन अधिग्रहण, फ्लाईओवर, रेलवे ओवर ब्रिज, सर्विस रोड समेत पूरी परियोजना पर करीब 15040 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इसे बनाने के लिए केंद्र सरकार से भी मदद दी जाएगी। केंद्र सरकार पहले से ही कई एक्सप्रेसवे को बजट दे रहा है। इस परियोजना में भी केंद्र से पूरी मदद मिलने की उम्मीद है। सिटी डेवलपमेंट प्लान में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। गोमती एक्सप्रेस वे के 2027 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। गोमती एक्सप्रेस वे बनाने का प्रस्ताव तैयार है। ये दुधवा नेशनल पार्क से भी जुड़ेगा। एलडीए ने प्लान में इस एक्सप्रेस वे शामिल किया है।

Three held with leopard skin

After a week-long hide-and-seek game, team of Wildlife Crime Control Bureau and forestmen finally became successful in nabbing three persons while selling skin of leopard on March 6. On a tip-off, the bureau members and forestmen a laid trap at Mihan nut the accused always changed the place for the last one week. Forest Department also sent a decoy who discussed about price of the skin. The forestmen laid a trap at Shri Jai Umiya Roadlines Shop in Kapsi–Khurd on Bhandara road. They made the deal and arrested Sanjay Damrudhar Behera, Naresh Tejram Darode, both residents of Nagpur, and seized leopard skin of four feet in length and 1.5 ft in width from them. Upon interrogation, they informed the name of third accused. Later forestmen also arrested Praveen Shriram Lanjewar fro the city. Forestmen registered an offence under relevant sections of Wildlife Protection Act, 1972. The raid was carried under the guidance of Yuvraj, CCF, Dr Bharat Singh Hada, DCF, Pritam Singh Kodape, DFO, by N G Chandewar, ACF, L R Thokal RFO, S B Kekan, Forester, and others. Further investigation is underway.

Animal skins teeth, ghost detection machines seized

After a 40-year-old self-proclaimed godman and his two accomplices were arrested by the Chitalsar Police in Thane city for striking his nine-year-old nephew on his private parts and then locking him in the washroom, the police have recovered tiger skins, teeth of different animals, skins of snakes and ghost detection machines from the accused’s residence on Mar 23. The police arrested the godman and his aides for the crime under the Protection of Children from Sexual Offences Act (POCSO) Act and Anti-Superstition and Black Magic Act. The accused, Kuldip Nikam, Kishor Navale and Sneha Shinde, were arrested on March 14 and were in police custody for 10 days as per the court orders. After further investigation and search at the accused’s house, police found all these materials that the accused have used for black magic, threatening and looting several people. A police officer said: “Navale, who works under Nikam, has kept some of the equipment and two tiger skins and skin of a snake at his residence in Badlapur. All materials worth Rs 6.50 lakh were recovered. We are investigating as to where he got the animals’ teeth and skins. These things were used to perform some black magic practices.” - TTN

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