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पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नए पयर्टन सत्र का वन राज्यमंत्री ने किया शुभारंभ

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पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नए पयर्टन सत्र का वन राज्यमंत्री ने किया शुभारंभ

इस अवसर पर उन्होंने बराही पर्यटन गेट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन-पूजन कर फीता काटा और पर्यटन सत्र का उद्घाटन किया। इसके बाद सैलानियों के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया...

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नए पयर्टन सत्र का वन राज्यमंत्री ने किया शुभारंभ

Green Update
वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने 1 नवम्बर को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के नए पर्यटन सत्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बराही पर्यटन गेट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच हवन-पूजन कर फीता काटा और पर्यटन सत्र का उद्घाटन किया। इसके बाद सैलानियों के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पयर्टन सत्र के शुभारंभ के दौरान राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण जीवन का आधार है और हर नागरिक को पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए इसमें योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में संचालित सफारी गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व न केवल जैव विविधता के संरक्षण का केंद्र है बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए, ताकि आने वाले पर्यटक यहां की प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीवों और स्थानीय संस्कृति से अविस्मरणीय अनुभव लेकर लौटें। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के निदेशक और अन्य अधिकारियों ने मंत्री जी को रिजर्व के पर्यटन प्रबंध, वन्यजीव संरक्षण और किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। 
भारत और नेपाल ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर क्षेत्रीय सहयोग को किया मजबूत 
“राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी)ः योजना, कार्यान्वयन और निगरानी” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 16-17 अक्टूबर 2025 तक लखनऊ में आयोजित किया गया है, जिसमें भारत और नेपाल के लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना, भारत के स्वच्छ वायु प्रबंधन अनुभव को साझा करना और उत्सर्जन सूची, स्रोत विभाजन और शहर-स्तरीय स्वच्छ वायु कार्य योजना में तकनीकी क्षमता का निर्माण करना है। अंतर्राष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) द्वारा, अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण स्थिरता एवं प्रौद्योगिकी मंच के साथ साझेदारी में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारत सरकार के वक्ताओं के साथ आयोजित इस कार्यक्रम ने सिंधु-गंगा के मैदान और हिमालयी तलहटी (आईजीपी-एचएफ) क्षेत्र में सहकर्मी शिक्षा और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, भारत और नेपाल के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान आईसीआईएमओडी द्वारा परिकल्पित एक बेहतरीन विचार है। भारत के प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ विजन और मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) पहल के अनुरूप वन और शहरी हरियाली पर ध्यान केंद्रित करने से स्वच्छ वायु और पर्यावरण सुधार में काफी मदद मिलेगी। 

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