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सोनभद्र में विकसित होगा धार्मिक, पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट

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सोनभद्र में विकसित होगा धार्मिक, पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट

इसके अंतर्गत वन की भूमि को कुछ शर्तों के साथ उपयोग किया जा सकता है। इसे कैसे आगे बढाया जाये, टीम इस पर भी कार्य करके सम्भावना तलाशी जाएगी. वन क्षेत्र का ऐसा उपयोग जिससे फारेस्ट कवर बढ़े, वन का उपयोग बढ़े और स्थानीय लोगों की आय भी कैसे बढ़े, इस पर चर्चा होगी...

सोनभद्र में विकसित होगा धार्मिक, पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट

Green Update
ट्रीटेक नेटवर्क 
सोनभद्र को धार्मिक, पर्यटन और कैम्पिंग सर्किट के रूप में विकसित किया जायेगा। इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा बल्कि विभिन्न तरह के पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। 7 अगस्त को इसे लेकर एक समीक्षा बैठक हुई जिसमे सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर जनपदों में वनाधिकार प्रमाण पत्रों के प्रकरणों पर चर्चा हुई। बैठक में समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण, वन मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना और समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड उपस्थित रहे। 
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर जनपदों में वनाधिकार प्रमाण पत्रों के प्रकरणों में एक रूपता जांचने के लिए निदेशक जनजातीय विभाग और वन विभाग से मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) की संयुक्त टीम मौके पर जाएगी। टीम मौके पर प्रवास कर के कागजों की जांच पड़ताल करेगी। इसके अंतर्गत वन की भूमि को कुछ शर्तों के साथ उपयोग किया जा सकता है। इसे कैसे आगे बढाया जाये, टीम इस पर भी कार्य करके सम्भावना तलाशी जाएगी. वन क्षेत्र का ऐसा उपयोग जिससे फारेस्ट कवर बढ़े, वन का उपयोग बढ़े और स्थानीय लोगों की आय भी कैसे बढ़े, इस पर चर्चा होगी। इस सम्बन्ध में एक ऑनलाइन इवेंट आयोजित होगा जिसमे दूसरे राज्यों के सफल प्रयोगों को शामिल किया जायेगा।
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष दिनांक 25.12.2024 से 25.12.2025 पर उनके पैतृक ग्राम - आगरा जनपद के बटेश्वर ग्राम में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम ‘अटल वन‘ की स्थापना 31.07.2025 को श्री अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक संकुल बटेश्वर, बाह, आगरा पर की गई। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बेबी रानी मौर्य मा० कैबिनेट मंत्री महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार उ०प्र०, विशिष्ट अतिथि डा० अरूण कुमार सक्सेना मा० राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग उ०प्र०, ग्राम प्रधान बटेश्वर  नेक्सी देवी, अटल बिहारी वाजपेयी जी के परिवारजन राकेश वाजपेयी, अश्वनी वाजपेयी, सचिन वाजपेयी एवं वन विभाग के अधिकारीगण दीपक कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी, उ०प्र०, लखनऊ, भीम सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, आगरा जोन, आगरा, डा० अनिल कुमार पटेल वन संरक्षक, आगरा वृत्त, आगरा, राजेश कुमार प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, आगरा, संजय कुमार मल्ल, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, मैनपुरी, भानेन्द्र सिंह, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, फिरोजाबाद एवं भारी संख्या में आम जन मानस उपस्थित हुए। बेबी रानी मौर्य, मा० कैबिनेट मंत्री महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार, उ0प्र0 द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी के त्याग एवं समर्पण पर प्रकाश डाला तथा एक पेड़ मॉ के नाम सभी जनमानस द्वारा लगाये जाने हेतु अपील की। वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा विशिष्ट वनों की स्थापना एक सराहनीय प्रयास है जिससे वृक्षारोपण अभियान से जन मानस को जोड़ने में सहायता मिलेगी । डा० अरूण कुमार सक्सेना, मा० राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उ0प्र0 द्वारा अवगत कराया कि भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष दिनांक 25.12.2024 से 25.12.2025 तक मनाया जा रहा है। इस जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये समाज के हर वर्ग का समर्थन और सहभागिता’ के सम्बन्ध में राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने हेतु प्रत्येक प्रभाग में ‘अटल वन’ की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक प्रभाग में स्थापित होने वाले अटल वन हेतु एक वट अर्थात बरगद का पौधा बटेश्वर वन विभाग की पौधशाला से ले जाकर सभी वन प्रभागों में स्थापित हुए अटल वनों में लगाया जायेगा। प्रदेश में वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत हरित आवरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पूर्व में किये गये वृहद वृक्षारोपणों के सकारात्मक परिणामस्वरूप फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया की रिपोर्ट-2023 के अनुसार सम्पूर्ण भारतवर्ष में वन क्षेत्र एवं वृक्षावरण में वृद्धि हुई जिसमें उ0प्र0 में 559 वर्ग किलोमीटर बढ़ोत्तरी हुई जो कि भारतवर्ष में दूसरे स्थान पर है तथा आगरा जनपद में भी 12.90 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोत्तरी हुई जो कि उ0प्र0 में छठवें स्थान पर है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इण्डिया की रिपोर्ट- 2023 के अनुसार आगरा जनपद का हरित आवरण 6.82 प्रतिशत है।दीपक कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी उ0प्र0, लखनऊ द्वारा वन विभाग के वानिकी कार्यो पर प्रकाश डाला गया तथा अवगत कराया गया कि जनमानस में हरीतिमा संवर्धन एवं पौध रोपण के प्रति व्यापक जागरूकता के दृष्टिगत वृक्षारोपण महाभियान - 2025 के अन्तर्गत इस वर्ष प्रदेश में विभिन्न विशिष्ट वनों यथा अटल वन, एकता वन, एकलव्य वन, ऑक्सी वन, शौर्य वन, गोपाल वन, त्रिवेण वन, विरासत वृक्ष वाटिका, पवित्र धारा वृक्षारोपण, एक्सप्रेस-वे वृक्षारापण, सहजन भंडारा, ग्रीन चैपाल, खाद्य वन, ग्राम वन, मित्र वन, शक्ति वन, युवा वन, बाल वन आदि की स्थापना की गई है। भीम सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, आगरा जोन, आगरा द्वारा अगवत कराया गया कि अटल वन के अन्तर्गत स्वतंत्रता सेनानी ध् महिलाओं ध् बच्चों की विशेष भागीदारी सुनिश्चित की गई है तथा अटल वन की स्थापना के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। अटल वन के अन्तर्गत मुख्य रूप से वट वृक्ष अर्थात बरगद के साथ-साथ यहाँ की स्थानीय प्रजातियाँ यथा पीपल, गूलर, पाकड़, नीम, अर्जुन, शीशम, बकैन, सेमल आदि का प्रतिकात्मक वृक्षारोपण कराया जा रहा है। उक्त स्थल पर 01 है० क्षेत्र में कुल 1600 पौधों का रोपण कराया जा रहा है। राजेश कुमार, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, आगरा द्वारा उक्त कार्यक्रम में उपस्थित होने हेतु सभी जनमानस को धन्यवाद दिया तथा वृक्षारोपण तथा उसकी सुरक्षा में सहयोग हेतु अपील की गई जिससे जनपद में अधिक से अधिक हरितिमा में वृद्धि हो सके ।
Mining causing landslides?

A major landslide struck Babhanbai hill, three km from Hazaribagh city in Jharkhand on August 11. A large part of the hill suddenly slid down. Luckily, no casualties were reported. Babhanbai village is situated at a distance of 500 metres from the foot of the hill, where there is a dense population. Hazaribagh is a plateau area, where landslides are not common. The incident caused panic in the village on Monday. Amid heavy rain, a large part of the hill slipped down, and soon hundreds of tons of soil and stone debris fell to the bottom of the hill. Area residents, unaccustomed to such events in this plateau region, compared the sight to landslides in the Himalayan states. According to experts, years of stone mining — previously permitted by the government — along with incessant rainfall, may have loosened the hill’s soil, triggering the collapse. Geologists have called the incident a warning, urging long-term measures for hill conservation to prevent future risks. Earlier, a similar incident was reported in Jhunjhunu district in Rajasthan. Here too, locals blamed unregulated illegal mining for the incident in which a portion of the hill collapsed with an explosion-like sound, prompting the National Green Tribunal (NGT) to take suo motu cognisance of media reports. The NGT has issued notices to various authorities and transferred the case to its Central Zone Bench in Bhopal for a hearing on September 17 last. The order passed by the NGT on August 4 was based on media reports about the hill collapse in the Chirawa area after heavy rainfall. The villagers have blamed illegal and unregulated mining activities carried out in the area by private contractors for the incident. The NGT noted that the incident was a violation of the Environment Protection Act, 1986, and the Mines and Minerals (Development and Regulation) Act, 1957. As per experts, mining activities that use blasting techniques contribute to landslides. Vibrations from the blasts can degrade soils in the locations prone to landslides. A landslip can occur at any time due to soil deterioration.

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