A First-Of-Its-Kind Magazine On Environment Which Is For Nature, Of Nature, By Us (RNI No.: UPBIL/2016/66220)

Support Us
   
Magazine Subcription

Parenting A Pet

TreeTake is a monthly bilingual colour magazine on environment that is fully committed to serving Mother Nature with well researched, interactive and engaging articles and lots of interesting info.

Parenting A Pet

Parenting A Pet

Parenting A Pet

मेरी और मिमी की है बेमिसाली जोड़ी
ट्रीटेक की मैनेजिंग एडिटर अर्चना मिश्र खोलती हैं उनकी और उनकी बीगल की दोस्ती का रहस्य 
मैं और मिमी पक्के वाले दोस्त हैं। हालाँकि मिमी बड़ी नकचढ़ी हैं। उन्हें गुस्सा भी बहुत जल्दी आता है। जब गुस्सा आता है तो मानाने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है। गुस्से में मिमी मुंह जमीन पर लगा लेती हैं और जब तक मना नहीं लिया जाये तब तक उठाती नहीं हैं। वैसे मिमी कॉलोनी में एक खुशमिजाज और मिलनसार डॉगी के रूप में जानी जाती हैं। पास ही स्थित एक इंस्टिट्यूट के बच्चों से उनकी अच्छी हेल्लो हाय है। मिमी एक बहुत ही होशियार बच्ची हैं जो अपनी चीजें किसी को देना पसंद नहीं करतीं। उनके पास ढेर सारे खिलौने हैं। जब उन्हें मुझसे कोई चीज लेनी होती है तो वह अपना एक टॉय लेकर अदला बदली करने आती है,ं वह बात और है कि बाद में अपना खिलौना वापस ले जाती हैं। उस समय वह बहुत प्यारी लगती हैं।
मिमी एक बीगल है पर इतनी समझदार हैं कि शायद इंसान भी ना हो। वो हमलोगों कि विशेषकर मेरी हर बात समझ लेती हैं। बस इंसानो कि भाषा बोल नहीं पाती। मुझपर उनका खूब रुआब चलता है। वो मुझे डांट कर सोने के लिए कहती है। एक बार बीमार होने पर मैंने एक दो दिन खाना नहीं खाया तो मिमी ने भी खाना छोड़ दिया। जब मुझे खाते देख लिया तो खाना शुरू किया। अब आप सोचेंगे कि मेरी और मिमी की ऐसी दोस्ती हुई कैसे। इसकी भी एक दिलचस्प कहानी है। मैंने मिमी को अपनी बेटी को गिफ्ट किया था किन्तु मिमी ने उनके साथ रहने से इनकार कर दिया। पहले मिमी अपने केज में सोती थी। एक रात रोते हुए मेरे बेड पर चढ़ने की कोशिश करने लगी। मैंने चढ़ा लिया। तब से मिमी मेरे पास ही सोती है।
मिमी आश्चर्यजनक रूप से अहिंसक जीव है। वह एक मक्खी या चीटा भी नहीं मारती। बिल्ली उनके पास खडी रहती है पर मारना तो दूर वह उस पर ध्यान भी नहीं देती। चिड़ियाँ उनसे बिलकुल भी नहीं डरतीं। जब लॉन में चिड़ियों के लिए दाना डाला जाता है तो मिमी खडी रहती है और चिड़ियों का झुण्ड उनके आसपास घूमता रहता है। वो शाकाहारी हैं। पहले रॉयल कैनाइन खा लेती थी अब छोड़ दिया है। उनका आरसी मैना खातीं हैं। यूं मिमी खाने की बहुत शौकीन हैं। वैसे उन्हें आलू रोटी बहुत पसंद है पर कुछ खाने को हर समय तैयार रहती हैं। चावल और बिसकुट मिमी को पसंद नहीं हैं पर अगर हम खाएं तो उन्हें भी एक गस्सा चाहिए होता है। मिमी बियूटी कॉन्शस हैं उन्हें गुलाबजल, पाउडर आदि लगवाना बहुत पसंद है। मिमी एक सफाईपसंद बच्ची हैं। उसे रोज स्पंज करवाना व ब्रश करवाना पसंद है। लॉन में घूमकर अंदर आने से पहले वह स्वयं दरी पर पाँव पोछ लेती हंै।
इसके साथ ही मिमी बदलापसंद भी हैं। हमलोग उन्हें बदला एक्सप्रेस कहते हैं। अगर मन की बात नहीं होती तो मिमी हमें सबक सिखाने निकल पड़ती है। उन्हें पता है कि क्या फेकने से, क्या चबाने से, क्या पटकने से हमें सबसे अधिक मिर्ची लगेगी। वैसे बता दूं कि मिमी का नाम हमने टिमी रखा था पर उन्हें पसंद नहीं आया और उसपर प्रतिक्रिया नहीं दी। बस एक बार उसे मिमी कहा और वह दो माह कि बच्ची तुरंत बात सुनने लगी। कहना गलत नहीं होगा कि उसने खुद अपना नामकरण कर लिया। एक और दिलचस्प वाकया है। एक बार मैंने मिमी को किसी शैतानी पर एक चपत जड़ दी। बस फिर क्या था उनका मुंह फूल गया और दो दिन मुझसे बात नहीं की। पर जब उन्होंने देखा कि मां सच में नाराज हैं और मनाने नहीं आएँगी तो वह मेरा पल्लू पकड़कर मुझे बरामदे में ले गयी। पहले मुझे भोंक भोंक कर डांटा फिर चाट चाट कर प्यार किया और हमारी फिर से दोस्ती हो गयी। ऐसे तो बिरले ही जीव हो सकते हैं। मिमी की इतनी बाते हैं कि कभी खत्म न हो पर इस बार के लिए यहीं पर विराम लगाती हूँ।

Leave a comment