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सेवा पर्वः १७ सितम्बर से २ अक्टूबर तक १५ लाख पेड़ लगाएगा यूपी

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सेवा पर्वः १७ सितम्बर से २ अक्टूबर तक १५ लाख पेड़ लगाएगा यूपी

सर्वाधिक लक्ष्य वाले 10 राज्यः ओडिशा- 20 लाख, उत्तर प्रदेश- 15 लाख, असम- 11.50 लाख, गुजरात-11 लाख, छत्तीसगढ़-11 लाख, मध्य प्रदेश- 8 लाख, महाराष्ट्र- 7 लाख, आंध्र प्रदेश- 7 लाख, राजस्थान- 7 लाख व बिहार- 5 लाख...

सेवा पर्वः १७ सितम्बर से २ अक्टूबर तक १५ लाख पेड़ लगाएगा यूपी

Green Update
ट्रीटेक नेटवर्क 
17 सितंबर से दो अक्टूबर तक सेवा पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान देश में 1.25 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इसमें से योगी सरकार प्रदेश में 15 लाख पौधरोपण भी कराएगी। 17 सितंबर को सेवा पर्व का शुभारंभ पर प्रदेश के सभी 34 नगर वन में कम से कम 100-100 पौधरोपण कराया जाना अनिवार्य है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान, वर्षा जल संचयन समेत अनेक अभियान भी चलाए जाएंगे। हर जनपद में प्रभागीय वनाधिकारी इसके नोडल अफसर होंगे। प्रमुख सचिव (वन-पर्यावरण) अनिल कुमार ने बताया कि यूपी के लिए 15 लाख पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रमुख सचिव ने मुख्यालय के अधिकारियों समेत सभी प्रभागीय वनाधिकारियों को निर्देशित किया कि यूपी के सभी 75 जनपदों में जनसहभागिता के माध्यम से पौधरोपण कराया जाए। इसके लिए प्रजातियों का चयन कर लिया जाए। सभी पौधरोपण स्थलों के फोटोग्राफ व एमआईएस डेटा के साथ डमतप स्पमि पोर्टल पर अपलोड किया जाए। जिला वृक्षारोपण समिति अन्य विभागों से सामंजस्य स्थापित करते हुए पौधों की सुरक्षा व रखरखाव भी सुनिश्चित करेगी। पौधरोपण महाभियान-2025 के मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि सेवा पर्व के शुभारंभ के अवसर पर 17 सितंबर को यूपी के 34 नगर वन-वाटिका में कम से कम 100-100 पौधे लगाए जाने अनिवार्य हैं। इसके अतिरिक्त विभाग के सभी कार्यालयों, वन निगम के समस्त डिपो में स्वच्छता तथा प्राणि उद्यान व सफारी में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने को लेकर भी अभियान चलेगा। विभिन्न पक्षी अभयारण्यों में सफाई अभियान, पर्यावरण संरक्षण जागरूकता, वर्षा जल संचयन व जल स्रोत के संरक्षण पर जागरूकता अभियान भी चलेगा। प्रत्येक प्रभाग में नर्सरी एक्शन प्लान पर कार्यशाला होगी। जिला स्तर पर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत आदि विषयों पर प्रबुद्ध वर्ग संवाद में वन एवं वन्यजीव संरक्षण, हरीतिमा संवर्धन, जैव विविधता आदि विषयों पर डीएफओ प्रतिभाग भी करेंगे। जनपदीय मेले व प्रदर्शनियों में वन विभाग का भी सहयोग रहेगा। आयोजन को लेकर तैयारी की जा रही है। सेवा पर्व के अंतर्गत 1.25 करोड़ पौधरोपण किया जाना है। इसमें सर्वाधिक लक्ष्य ओडिशा को मिला है। वहीं दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को मिला है। सर्वाधिक लक्ष्य वाले 10 राज्यः ओडिशा- 20 लाख, उत्तर प्रदेश- 15 लाख, असम- 11.50 लाख, गुजरात-11 लाख, छत्तीसगढ़-11 लाख, मध्य प्रदेश- 8 लाख, महाराष्ट्र- 7 लाख, आंध्र प्रदेश- 7 लाख, राजस्थान- 7 लाख व बिहार- 5 लाख। 
राज्य मंत्रियों द्वारा विस्तृत समीक्षा बैठक 
दिनांक 10.09.2025 को वन एवं वन्यजीव विभाग, मुख्यालय अरण्य भवन स्थित पारिजात कक्ष में मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश, डा0 अरूण कुमार सक्सेना एवं मंत्री, वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश, के0पी0 मलिक ने दिनांक 17.09.2025 से 02.10.2025 तक सेवा पर्व एवं आदिकर्मयोगी अभियान को वृहद स्तर पर मनाये जाने के सम्बन्ध में तैयारियों, दिनांक 17.07.2025 से ग्रीन चैपाल का संचालन किये जाने के सम्बन्ध में अब तक की गई कार्यवाही, वन एवं वन्यजीव विभाग के अन्तर्गत क्रियान्वित की जाने वाली महत्वपूर्ण योजनाओं- कुकरैल नाईट सफारी, रेस्क्यू सेंटर, वन्य प्राणि सप्ताह 2025 मनाये जाने एवं लम्बित आई0जी0आर0एस0 संदर्भ एवं ऑफलाईन प्राप्त मुख्यमंत्री संदर्भों की गहन व विस्तृत समीक्षा की गयी।  मंत्रिगणों ने 17 सितम्बर, 2025 से 2 अक्टूबर, 2025 तक प्रदेश के समस्त जनपदों में सेवा पर्व अभियान की समीक्षा कर इस अवसर पर व्यापक जनसहभागिता व सहयोग से 15 लाख पौध वितरणध्रोपण करने तथा देशज किस्मों के रोपण में प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। मंत्रिगणों ने इस अभियान में स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसाइटी, महिलाओं, व विद्यार्थियों सहित समस्त प्रदेशवासियों की सहभागिता व सहयोग प्राप्त करने एवं दक्षता निर्माण, स्वच्छता अभियान पॉलिथीन हटाये जाने, कारसेवा, जन जागरूकता, घास-फूस हटाया जाना तथा सामुदायिक वृक्षारोपण को शामिल करने का निर्देश दिया। मंत्रिगणों ने आदिकर्मयोगी अभियान की समीक्षा कर प्रदेश के जनजातिय बाहुल्य 07 जनपदों में सेवा पखवाड़ा के अन्तर्गत जनजातिय क्षेत्रों में जनजातियों के सहयोग से महुआ, बेल, चिरौजी जैसी स्थानीय प्रजातियों का रोपण करने का निर्देश दिया।  मंत्रिगणों ने आदिकर्मयोगी अभियान में वृक्षारोपण हेतु ऐतिहासिक स्थल व नये स्थलों का चयन करने, विधायकों से संपर्क कर सड़क वृक्षारोपण तथा ट्री गार्ड हेतु 01 प्रतिशत विधायक निधि से धनराशि प्राप्त करने तथा ग्रीन चैपाल के माध्यम से सेवा पर्व में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया। मंत्रिगणों ने माह दिसम्बर 2025 तक प्रदेश के रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना पूर्ण करने तथा पात्र दैनिक वेतन भोगियोंध्श्रमिकों को न्यूनतम रूपये 18000.00ध् न्यूनतम वेतन दिये जाने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, अनिल कुमार ने शासन स्तर पर निस्तारित प्रकरणों व प्रगति की स्थिति की अवगत कराते हुए कहा कि शेष प्रकरण की यथाशीघ्र निस्तारित कर दिये जाएंगे। 
सुनील चैधरी को तृतीय ईको वॉरियर सम्मान
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, भूपेन्द्र यादव तथा महानिदेशक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार,  एसके अवस्थी ने दिनांक 11.09.2025 को इण्डिया इन्टरनेशनल सेन्टर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, सुनील चैधरी को तृतीय ईको वॉरियर पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि भारतीय वन सेवा संघ तथा इण्डियन मास्टरमाइण्ड द्वारा वानिकी क्षेत्र में अभिनव प्रयास व उल्लेखनीय कार्य करने वाले वनाधिकारी को ईको वॉरियर पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। उल्लेखनीय है कि तृतीय ईको वॉरियर पुरस्कार एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान में सुनील चैधरी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने हेतु चैधरी को यह पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया है। ध्यातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा मां के सम्मान व स्मृति में वर्ष 2024 एवं 2025 में क्रमशः 36.81 करोड़ तथा 37.21 करोड़ पौधे रोपित किये गये । विगत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश द्वारा अर्जित की गयी इस उपलब्धि का उल्लेख मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में भी किया था। दिनांक 11.09.2025 को मंत्री व महानिदेशक, वन की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ वनाधिकारियों व विशिष्ट जनों ने प्रतिभाग किया।
राष्ट्रीय कैम्पा के अन्तर्गत आयोजित कार्यशाला 
राष्ट्रीय कैम्पा के अन्तर्गत वार्षिक प्रचालन योजना के प्रस्ताव तथा अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजिटल ए0पी0ओ0 पोर्टल को लागू करने के अवसर पर आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि मा0 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश, डॉ0 अरूण कुमार ने कार्यशाला का शुभारम्भ कर प्रतिभागियों को आशीर्वचनों से अभिसंचित किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि विगत 13 वर्षों अर्थात 2011 से 2024 तक प्रदेश में उत्तर प्रदेश कैम्पा द्वारा एड हॉक कैम्पा, राष्ट्रीय कैम्पा द्वारा अनुमोदित वार्षिक प्रचालन योजना के अनुसार क्षतिपूर्वक वृक्षारोपण के अन्तर्गत 2.86 करोड़ पौधों का रोपण, अग्रपंक्ति कर्मचारियों हेतु 202 भवनों का निर्माण, विभागीय पौधशालाओं में 131 सोलर वाटर पम्पों की स्थापना, गोरखपुर जनपद में जटायु संरक्षण केन्द्र तथा मानव वन्यजीव संघर्ष के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेश के 04 स्थानों-मेरठ, महाराजगंज, पीलीभीत व चित्रकूट में रेस्क्यू सेण्टर की स्थापना की गई है। कार्यों में पारदर्शिता व दक्षता सुनिश्चित करने के लिए कैम्पा की वेबसाईट निर्माण कर उसका संचालन किया जा रहा है। कैम्पा के कार्यों का तृतीय पक्ष द्वारा अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं सत्यापन कराया जा रहा है। कार्यशाला में उत्तरी क्षेत्र के 9 राज्यों- पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, चण्डीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख एवं हिमाचल प्रदेश के प्रतिभागियों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रतिभाग किया।
काष्ठ आधारित उद्योगों हेतु विशेष कार्यशाला का आयोजन
दिनांक 26 अगस्त 2025 सीतापुर में काष्ठ आधारित उद्योगों तथा कृषि वानिकी के संवर्धन हेतु एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, उद्योग प्रतिनिधियों, कृषकों, ग्राम प्रधानों, मीडिया कर्मियों एवं वन विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 अरुण सक्सेना जी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश रहे। विशेष अतिथि के रूप में राकेश राठौर ‘‘गुरू जी’’ राज्य मंत्री, नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर अरुण सक्सेना ने कहा कृषि वानिकी को बढ़ावा देना और काष्ठ आधारित उद्योगों के साथ तालमेल स्थापित करना प्रदेश के किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को पौध, तकनीकी मार्गदर्शन और कार्बन क्रेडिट जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, जिससे उनकी आय दोगुनी हो सके और प्रदेश की हरित अर्थव्यवस्था को गति मिले। कार्यशाला में हरदोई और लखीमपुर खीरी से भी किसान एवं काष्ठ आधारित उद्योग मालिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने घोषणा की, कि वे किसानों को निःशुल्क पौध उपलब्ध कराएँगे तथा फसल परिपक्व होने पर न्यायसंगत मूल्य पर बाय-बैक करेंगे। इससे किसानों को सुरक्षित आय का आश्वासन मिलेगा और कृषि वानिकी को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में कृषि वानिकी को प्रोत्साहन, किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति, कार्बन फाइनेंस की संभावनाएं, एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर किसानों को सीधा आर्थिक लाभ प्रदान किया जा सकता है, जिससे प्रदेश के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। 
 

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