उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में हà¥à¤† ३० करोड़ पौधों का रोपण
उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के वन, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ मंतà¥à¤°à¥€ दारा सिंह चैहान ने ‘‘30 करोड़ वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ जनआंदोलन- 2021‘‘ के तहत 4 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को à¤à¤• ही दिन में 25 करोड़ 21 लाख वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ किये जाने हेतॠपà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ वासियों को हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤µà¤‚ धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ दिया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वृृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ लकà¥à¤·à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ के कà¥à¤¶à¤² मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¨ में समà¥à¤à¤µ हà¥à¤ˆ हैै। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ की ‘‘वन मैन-वन टà¥à¤°à¥€‘‘ की अपील को पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ की जनता ने सर-माथे पर लिया और पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में इतने वृहद सà¥à¤¤à¤° पर वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ कर इतिहास रचने का कारà¥à¤¯ किया गया है।
वन मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में कोविड-19 महामारी की वजह से जान गवाने वाले लोगों की याद में हर गाॅव में सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤µà¤¨ लगाया जाà¤à¤—ा। लोगों को गिलोई आदि जड़ी-बूटियां आसानी से उपलबà¥à¤§ हो सके इसके लिठकौशल वाटिकाà¤à¤‚ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करायी जाà¤à¤—ी। साथ ही 100 वरà¥à¤· से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को हेरिटेज वृकà¥à¤· के रूप में सूचीबदà¥à¤§ किया जाà¤à¤—ा। वन मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सड़क किनारे विशेषकर à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸-वे, राशà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤—, राजà¥à¤¯ राजमारà¥à¤— तथा राशà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤— व सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ लेन के बीच हरित पटà¥à¤Ÿà¥€ विकसित किये जाने की शà¥à¤°à¤‚खला में गà¥à¤°à¥€à¤¨ फीलà¥à¤¡ पूरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤šà¤² à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸-वे सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¥à¤° में हरीषंकरी का पौधा रोपित किया गया। इस अवसर पर पंचवटी, नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° वाटिका à¤à¤µà¤‚ नवगà¥à¤°à¤¹ वाटिका सà¤à¥€ में à¤à¤•-à¤à¤• पौधा रोपित किया गया। सà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¨à¤ªà¥à¤° जनपद के बड़ाडाड़ विकास खणà¥à¤¡ तहसील बलà¥à¤¦à¥€à¤°à¤¾à¤¯ में देव सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के पास सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ विरासत वृकà¥à¤· ‘‘बरगद‘‘ की पूजा-पाठकर परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ की तथा अमरूद, महà¥à¤†, हरसिंगार आदि के पौधे वितरित किà¤à¥¤ साथ ही उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ यूपीडा ने वन विà¤à¤¾à¤— से कà¥à¤°à¤¯ किये गये 30 हजार पौधे निकटवरà¥à¤¤à¥€ गà¥à¤°à¤¾à¤® वासियों को वितरित किये। इस वृहद सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ से गà¥à¤°à¤¾à¤® वासियों को फल, चारा, इमारती लकड़ी व औशधियाॅं मिलेगी।
वन मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि वन विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विकसित कà¥à¤µà¥€à¤• कैपà¥à¤šà¤° à¤à¤ª के माधà¥à¤¯à¤® से वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ की जियोटैंिगंग की गई। गà¥à¤°à¤¾à¤® वासियों की आय में वृदà¥à¤§à¤¿ हेतॠगà¥à¤°à¤¾à¤® पंचायत की à¤à¥‚मि पर इमारती à¤à¤µà¤‚ फलदार पौधों का रोपण किया गया। खादà¥à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ व पोषण के लिठमिड डे मील में उपयोग करने हेतॠपà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ में सहजन के पौधों का रोपण किया गया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ जन आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ 2021 के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त 30 करोड़ वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£ निवारण, जैवविविधता संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ वृदà¥à¤§à¤¿ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ है। इस तहत पोषक ततà¥à¤µ तथा पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ वृदà¥à¤§à¤¿ वाली पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ यथा- बेल, आॅवला, जामà¥à¤¨, कटहल, पपीता, खजूर, अगसà¥à¤¤, सहजन, गमà¥à¤à¤¾à¤°à¥€, अनार आदि के रोपण को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ दी गयी। वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ में जैवविविधता संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠ100 से अधिक पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का रोपण किया गया।
चैहान ने कहा कि वन विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गंगा व 80 सहायक नदियों के किनारे 1.30 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किये गये। सड़क किनारे विशेषकर à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸-वे, राशà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ राजमारà¥à¤—, राजà¥à¤¯ राजमारà¥à¤— आदि के किनारे रोपण को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ दी गयी। अनà¥à¤¯ 26 विà¤à¤¾à¤—ों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पूरा करने के लिठ17.87 करोड़ पौध डीà¤à¤¸à¤Ÿà¥€ पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से वन विà¤à¤¾à¤— की पौधषालाओं से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ में उपयोग किया गया। वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ से संबंधित समसà¥à¤¤ कारà¥à¤¯à¥‹ का अनà¥à¤¶à¥à¤°à¤µà¤£ आनलाईन पीà¤à¤®à¤à¤¸ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¨à¤à¤®à¤à¤¸ के माधà¥à¤¯à¤® से वन विà¤à¤¾à¤— मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कमाणà¥à¤¡ सेनà¥à¤Ÿà¤° से किया गया। वन मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में पौराणिक-à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• महतà¥à¤µ के वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ तथा परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं से जà¥à¤¡à¥‡ विरासत वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के चयन की कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की गयी। वन विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 75 जनपदों में 28 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के 947 विरासत वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ का चिनà¥à¤¹à¥€à¤•à¤°à¤£ करते हà¥à¤ उनका संरकà¥à¤·à¤£ किया जा रहा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ जन आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ 2021 में पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 30 करोड़ पौधा रोपण से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होने वाले वृकà¥à¤· लगà¤à¤— 12.50 करोड़ नागरिकों की आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के लिये परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ के उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ व कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषण के महतà¥à¤µ पर बल दिया गया तथा जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ के दौर में तापमान को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठवृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ की à¤à¥‚मिका को रेखांकित किया गया। इस मौके पर अपर मà¥à¤–à¥à¤¯ सचिव, गृह, अवनीश कà¥à¤®à¤¾à¤° अवसà¥à¤¥à¥€ à¤à¥€ मौजूद थे।
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के वनावरण व वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ में वृदà¥à¤§à¤¿ होने से जैव विविधता का संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ विकास होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• संतà¥à¤²à¤¨ à¤à¤µà¤‚ जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठवृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने कहा कि यह à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ किया जाठकि जो पौधे रोपित किठजाà¤à¤‚, उनकी पूरी देखà¤à¤¾à¤² व सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हो, टà¥à¤°à¥€ गारà¥à¤¡ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 100 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से अधिक आयॠके वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को चिनà¥à¤¹à¥à¤¤à¤¿ कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ‘हेरिटेज टà¥à¤°à¥€’ के रूप में संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जाà¤à¥¤
हरीतिमा संवरà¥à¤§à¤¨ के माधà¥à¤¯à¤® से पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नियंतà¥à¤°à¤£
वायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² में कारà¥à¤¬à¤¨ डाईआकà¥à¤¸à¤¾à¤ˆà¤¡ व अनà¥à¤¯ हानिकारक गैस के बà¥à¤¨à¥‡, वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ में कमी तथा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के कारण तापमान में वृदà¥à¤§à¤¿, अनियमित/अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤ वरà¥à¤·à¤¾, à¤à¥‚-जल में कमी, वायà¥/जल/मृदा पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण, मृदा कà¥à¤·à¤°à¤£ आदि होते हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है। विशेष रूप से वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के कारण फेफड़ों व शà¥à¤µà¤¸à¤¨ तंतà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ हृदय संबंधी बीमारियों से जनसंखà¥à¤¯à¤¾ का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता है। पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नियंतà¥à¤°à¤£ में वृकà¥à¤· की à¤à¥‚मिका महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। वृकà¥à¤· वायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² से हानिकारक गैसों को हटाकर, गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर, गà¥à¤°à¥€à¤¨ हाउस के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ को कम करने के साथ-साथ वायॠकी गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ में सà¥à¤§à¤¾à¤° करता है। घने वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ वाले कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में धूल, धà¥à¤‚आ तथा परागकण की मातà¥à¤°à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ रहती है। वृकà¥à¤·à¤µà¤¿à¤¹à¥€à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सापेकà¥à¤· वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¥‡ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में 75 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कम धूल पायी जाती है। वृकà¥à¤· की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ धूल के कणों के अचà¥à¤›à¥‡ संगà¥à¤°à¤¹à¤• के रूप में जानी जाती हैं। पौधों के पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सतही कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² फैलकर वायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² की पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित गैसों को पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से अवशोषित करने का काम करता हैं तथा गैसों के विषैलेपन की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ कई गà¥à¤¨à¤¾ कम कर देता है। वृकà¥à¤· की खà¥à¤²à¥€ शाखायें à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षकों को अवशोषित करती हैं। पौधे व पेड़ आदिकाल से सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• व बीमारी के इलाज में सहायक रहे हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤¦à¥à¤§ करने वाली वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पीपल, बरगद, पाकड़, नीम आदि पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हैं। आज पूरा विशà¥à¤µ इस बात से अवगत है कि किसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ बà¥à¤¾à¤•à¤° वहाठकी मृदा व à¤à¥‚-जल सà¥à¤¤à¤° में सà¥à¤§à¤¾à¤°, आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ की पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वायॠकी शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ आदि से उस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का माईकà¥à¤°à¥‹ कà¥à¤²à¤¾à¤‡à¤®à¥‡à¤Ÿ बदल जाता है।
वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षकों को हटाने वाले वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ - पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम, आम, जामà¥à¤¨, शहतूत, बेर, इमली, अमरूद, अमलतास ,अशोक, चितवन, सिरस, सहजन, सेमल आदि।
धूल व तापमान नियंतà¥à¤°à¤£ में सहायक वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ - कई वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ यथा - नीम, अमलतास, शीशम, पीपल, बरगद, पाकड़, आम, महà¥à¤† आदि धूल में पाये जाने वाले रासायनिक पà¥à¤°à¤¦à¥‚षकों और तापमान को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते हैं।
धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नियंतà¥à¤°à¤£ हेतॠवृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ - 80 डेसिबल से उपर की धà¥à¤µà¤¨à¤¿ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिये घातक है तथा बहरेपन का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारक है। कà¥à¤› वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ यथा - नीम, कचनार, अमलतास, सेमल, कैसिया पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿, पारिजात, पीपल, बरगद, पाकड़, जकरणà¥à¤¡à¤¾, महà¥à¤†, अशोक आदि धà¥à¤µà¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में सफल पाये गये हैं।
कारà¥à¤¬à¤¨ सिंकः संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° संघ की जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ में दिये गये सà¥à¤à¤¾à¤µ का पालन कर कई देशों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जलवायॠपरितवरà¥à¤¤à¤¨ के शमन तथा नियंतà¥à¤°à¤£ हेतॠकारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की जा रही है जिसमें वनों/वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ तथा वृहद सà¥à¤¤à¤° पर वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ किया जा रहा है। वायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² में कारà¥à¤¬à¤¨ डाइकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ तथा अनà¥à¤¯ हानिकारक गैसों की मानक से अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में होने के कारण गà¥à¤²à¥‹à¥‡à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग तथा अनà¥à¤¯ जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो रही है। वृकà¥à¤· कारà¥à¤¬à¤¨ डाइकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ को अवशोषित कर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ शà¥à¤¦à¥à¤§ करता है। वनावरण à¤à¤µà¤‚ वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ कारà¥à¤¬à¤¨ सिंक का कारà¥à¤¯ करते हैं। à¤à¤• परिपकà¥à¤µ वृकà¥à¤· 50 पाउणà¥à¤¡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· कारà¥à¤¬à¤¨ डाइकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ 13 पाउणà¥à¤¡ कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषित करता है। वरà¥à¤·à¤¾à¤•à¤¾à¤² 2021 में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 30 करोड पौधा रोपण से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होने वाले वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लगà¤à¤— 8.83 लाख मीटà¥à¤°à¤¿à¤• टन कारà¥à¤¬à¤¨ का अवशोषण होगा। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषण की मातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ है। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ पीपल, बरगद, पाकड आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ काफी मातà¥à¤°à¤¾ में कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषण होता है। अधिकतर पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤·à¥à¤ का कारà¥à¤¬à¤¨ कनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ 46 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तथा पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का कारà¥à¤¬à¤¨ कनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ 40 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ होता है। खैर, अकेसिया ओरिकà¥à¤²à¥€à¤«à¤¾à¤°à¤®à¤¿à¤¸, बबूल तथा अकेसिया पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ आदि में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤·à¥à¤ का कारà¥à¤¬à¤¨ कनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ 42 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तथा पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का कारà¥à¤¬à¤¨ कनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ 28.5 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ है। जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कारà¥à¤¬à¤¨ कनà¥à¤Ÿà¥‡à¤¨à¥à¤Ÿ वाले वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषित करते हैं। अतः à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ जिनमें जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤·à¥à¤ व चैड़े/बड़े पतà¥à¤¤à¥‡ होंगे वह जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषित करेगा।
आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ टैंकः मानव जीवन के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ हेतॠवायà¥à¤®à¤£à¥à¤¡à¤² में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मातà¥à¤°à¤¾ में आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ का होना अनिवारà¥à¤¯ है। समसà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ हेतॠपà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। गत पिछले वरà¥à¤· से कोविड महामारी के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प फेफड़े में संकà¥à¤°à¤®à¤£ से शरीर में विशेषकर हृदय में कम आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ केे कारण कई मौते हà¥à¤ˆà¤‚। वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¨à¥€ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता हैै। अतः हम सबका पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ होना चाहिठकि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वनावरण व वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ रहे। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ पीपल, बरगद, पाकड, बांस, नीम, बेल आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ होता है। कà¥à¤› वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ यथा - पीपल व नीम 24 घनà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚ दिन व रात आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¿à¤¤ करते हैं। बड़े छतà¥à¤° तथा चैड़ी पतà¥à¤¤à¥€ वाले वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ उतà¥à¤¸à¤°à¥à¤œà¤¨ होेगा। अतः जनजागरूकता अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाकर इन परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ वृ़कà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा बड़े छतà¥à¤° तथा चैड़ी पतà¥à¤¤à¥€ वाले वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ का अधिकाधिक रोपण कराया जाय। à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 550 लीटर आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ रहती है। à¤à¤• वृकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· औसतन 260 पाउणà¥à¤¡ अथवा 82420 लीटर आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है। à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ ली गयी आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ तीन आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ सिलिंडर के बराबर है। चà¤à¥‚कि à¤à¤• आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ सिलिंडर का मूलà¥à¤¯ रू0 700 है अतः à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रू0 2100 मूलà¥à¤¯ की आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ उपयोग करता है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• वरà¥à¤· में रू0 7.66 लाख मूलà¥à¤¯ तथा 65 वरà¥à¤¶ की आयॠपूरà¥à¤£ होने तक लगà¤à¤— रू0 5 करोड़ की आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ का उपयोग करता है। वरà¥à¤·à¤¾à¤•à¤¾à¤² 2021 में उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 30 करोड़ पौधा रोपण से à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होने वाले वृकà¥à¤· लगà¤à¤— 12.50 करोड़ नागरिकों की आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ के लिये परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जीवनदायनी आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ के लिये हम सदैव ऋणी रहेंगे। वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ जन-आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ 2021 में यह आवशà¥à¤¯à¤• है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पीपल, बरगद, पाकड़, नीम, सहित सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पौधों का रोपण तथा वृकà¥à¤· के रूप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होने तक उनका संरकà¥à¤·à¤£ कर ऋण मà¥à¤•à¥à¤¤ हों। साथ ही, आज यह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हो गया है कि कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषण में वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ की à¤à¥‚मिका का जन मानस में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° किया जाय, जिससे कि हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के महतà¥à¤µ को समà¤à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ उसे बचाने तथा खाली पड़ी हर जमीन पर पौध रोपण कर वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में अपना अमूलà¥à¤¯ योगदान दे। आज डवतंस मजीपबे के साथ-साथ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ टैंक तथा कारà¥à¤¬à¤¨ सिंक में वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के महतà¥à¤µ से समà¥à¤¬à¤‚धित परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ नैतिकता विषय पर सà¤à¥€ को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करना अनिवारà¥à¤¯ है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानव यह पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करें कि नैतिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, जिसमें समसà¥à¤¤ वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जगत शामिल है, की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ व उनके संरकà¥à¤·à¤£ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को जागृत करेे। इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£, वन à¤à¤µà¤‚ जलवायॠपरिवरà¥à¤¤à¤¨ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के संकट को दूर करने तथा इसके लिठलोगों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ की आदतों में सà¥à¤§à¤¾à¤° के लिठ‘‘गà¥à¤°à¥€à¤¨ गà¥à¤¡ डीड‘‘ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाया है जिसके तहत निमà¥à¤¨ कारà¥à¤¯ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैंः-
1. परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के अनà¥à¤•à¥‚ल परिवहन
2. जैवविविधता संरकà¥à¤·à¤£
3. जल संरकà¥à¤·à¤£
4. वेटलेंड संरकà¥à¤·à¤£
5. परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के अनà¥à¤•à¥‚ल कचरा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन
6. उरà¥à¤œà¤¾ संरकà¥à¤·à¤£ आदि
परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ रहे, कारà¥à¤¬à¤¨ अवशोषण का मानक सà¥à¤¤à¤° बना रहे तथा पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ नियंतà¥à¤°à¤£ हो- इस हेतॠपà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में गत कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से हरीतिमा संवरà¥à¤§à¤¨ के लिठ26 सरकारी विà¤à¤¾à¤—ों, निजी शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ व जन-सामानà¥à¤¯ के सहयोग से बड़े पैमाने पर वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ किया जा रहा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, देहरादून जो अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ संसà¥à¤¥à¤¾ है, की वरà¥à¤¶ 2019 की सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ आॅफ फारेसà¥à¤Ÿ रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के वनावरण में वरà¥à¤· 2017 की रिपोरà¥à¤Ÿ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में लगà¤à¤— 127 वरà¥à¤— किलो मीटर की वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ है। साथ ही, पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के बाहर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ में à¤à¥€ वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वन सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, देहरादून की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वरà¥à¤· 2013 में वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ 2.86 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ था जो वरà¥à¤· 2019 में 3.05 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हो गया है। आज पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ का वृकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤°à¤£ 3.05 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ है जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ औसत 2.89 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक है।
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