जड़ी-बूटियों की रानी है शतावरी
कई पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जड़ी-बूटियों का आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करके उनसे उपचार किया जाता है। कà¥à¤› जड़ी-बूटिया à¤à¤¸à¥€ होती हैं, जिनका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² लोग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ करते हैं, जैसे अशà¥à¤µà¤—ंधा और गिलोय आदि। लेकिन शतावरी à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ खास जड़ी बूटी है जिसके बारे में बहà¥à¤¤ कम लोग जानते हैं। शतावरी à¤à¤• à¤à¤¾à¥œà¥€à¤¨à¥à¤®à¤¾ पौधा होता है जिसमें फूल मंजरियों में लगे होते हैं। यह सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ जड़ी-बूटियों में से à¤à¤• है। शतावरी के बारे में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ औषधि गà¥à¤°à¤‚थों में à¤à¥€ बताया गया है। वेसै तो यह हर किसी के लिठलाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है लेकिन महिलाओं को यह शानदार लाठदेती है। यह इतनी खास है कि आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में इसे जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है। मासिक धरà¥à¤® से संबंधित बीमारियों को करे दूरशतावरी का सेवन करने से महिलाओं की मानसिक धरà¥à¤® से संबंधित बीमारियों दूर हो जाती हैं, जैसे बार-बार बà¥à¤²à¥€à¤¡à¤¿à¤‚ग होना, काफी दरà¥à¤¦ होना, पीसीओडी व पीसीओà¤à¤¸ आदि। गरà¥à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में महिलाओं के लिठबेहद लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है। इसमें अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में फोलेट पाया जाता है जो गरà¥à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में महिलाओं के लिठजरà¥à¤°à¥€ होता है। यह गरà¥à¤à¤¸à¥à¤¥ शिशॠके मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• से लेकर उसके अंगों के विकास में मददगार है। शतावरी का सेवन मां के दूध को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में à¤à¥€ मदद करता है इससे उसके बचà¥à¤šà¥‡ को दूध की कोई कमी महसूस नहीं होती है। यदि आप अकà¥à¤¸à¤° सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸, à¤à¤‚गà¥à¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿà¥€ या डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ की शिकार रहती हैं तो शतावरी का सेवन करना आपके लिठबेहद फायदेमंद हो सकता है। शरीर में तनाव का सà¥à¤¤à¤° बॠजाने से हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ गड़बड़ा जाते हैं। लेकिन शतावरी का सेवन करने से हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ का बैलेंस बना रहता है। जिससे शरीर का तनाव कम होता है। शतावरी à¤à¤• à¤à¤‚टी-ऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट है, जिसका सेवन करने से महिलाओं का इमà¥à¤¯à¥à¤¨ सिसà¥à¤Ÿà¤® मजबूत होता है और उनका शरीर बीमारियों से बचा रहता है। कैंसर, नींद न आना, सिरदरà¥à¤¦, खांसी आदि के लिठशतावरी काफी फायदेमंद है। माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ में शतावरी बहà¥à¤¤ लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ औषधि है। माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ में इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने के लिठशतावरी को कूट कर उसका रस निकाल लें। अब इसमें बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में तिल का तेल मिलाकर सिर पर मालिश करें। इससे माइगà¥à¤°à¥‡à¤¨ में काफी आराम मिलता है। अगर आप à¤à¥€ अनिदà¥à¤°à¤¾ के शिकार है तो शतावरी का सेवन आपकी काफी मदद कर सकता है। कà¤à¥€-कà¤à¥€ तनाव के कारण à¤à¥€ नींद नहीं आती। à¤à¤¸à¥‡ में शतावरी के पांच से दस गà¥à¤°à¤¾à¤® चूरà¥à¤£ को 10-15 गà¥à¤°à¤¾à¤® घी तथा दूध में डालकर खाने से अचà¥à¤›à¥€ नींद आà¤à¤—ी। इससे आप तनावमà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¥€ रहेंगे। अमेरीका की नेशनल कैंसर इंसà¥à¤Ÿà¤¿à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• शतावरी में उचà¥à¤š कोटि का à¤à¤‚टी-ऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट गà¥à¤²à¥‚टाथायोन मौजूद होता है। यह à¤à¤‚टी-ऑकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट कैंसर रोधी होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद हिसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¨ नामक पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ कोशिका के विकास व विà¤à¤¾à¤œà¤¨ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ करता है और कैंसर के उपचार में à¤à¥€ योगदान देता है।
हलà¥à¤¦à¥€, चूना और राख से रखंे अपनी तà¥à¤²à¤¸à¥€ को हराà¤à¤°à¤¾
तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे की देखà¤à¤¾à¤² मौसम के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करना बहà¥à¤¤ जरूरी होता है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ मौसम की मार से तà¥à¤²à¤¸à¥€ बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦à¥€ समापà¥à¤¤ हो जाती है। सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दिनों में तà¥à¤²à¤¸à¥€ को पाले से बचाकर रखने के लिठà¤à¤• महीन साफ कपड़े से ढककर रखना चाहिà¤à¥¤ इसके साथ ही बारिश में जब जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बारिश हो रही हो तब सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• या दो बार आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पानी दें। गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे को अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• धूप से बचाकर रखें अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ वह à¤à¥à¤²à¤¸à¤•à¤° सूख जाà¤à¤—ा। तà¥à¤²à¤¸à¥€ को हरा-à¤à¤°à¤¾ रखने के लिठसमय समय पर तà¥à¤²à¤¸à¥€ की मंजरियों को तोड़कर तà¥à¤²à¤¸à¥€ से अलग करते रहना चाहिठअनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ तà¥à¤²à¤¸à¥€ सूखने लगती है। तà¥à¤²à¤¸à¥€ के लिठà¤à¤• रामबाण तरीका है à¤à¤• छोटा चमà¥à¤®à¤š हलà¥à¤¦à¥€, चूना व कोयले का चूरà¥à¤£à¥¤ इनà¥à¤¹à¥‡ à¤à¤• साथ नहीं मिलाना है बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• à¤à¤• दिन छोड़ कर तीनो को बारी बारी तà¥à¤²à¤¸à¥€ के गमले की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में मिलाना है। जैसे, पहले हलà¥à¤¦à¥€ मिला दी फिर à¤à¤• दिन छोड़ कर चूना और फिर à¤à¤• दिन छोड़ कर कोयले का चूरा। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखे कि हलकी गà¥à¥œà¤¾à¤ˆ कर थोड़े पानी का छिड़काव à¤à¥€ कर दें। अगर गमले में नमी है तो आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं।आप देखिà¤à¤—ा कि कैसे लहलहाती है तà¥à¤²à¤¸à¥€à¥¤ तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा जब à¤à¥€ लगाà¤à¤‚ इस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें कि मिटà¥à¤Ÿà¥€ और पानी की मातà¥à¤°à¤¾ सही हो। गमले में 70ः30 मिटà¥à¤Ÿà¥€ और रेत को अचà¥à¤›à¥€ तरह मिलाकर डालें और इसमें तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा लगाà¤à¤‚, इससे पौधे की जड़ में अधिक पानी नहीं अटकेगा और पौधा बिना सड़े लंबे समय तक हरा à¤à¤°à¤¾ रहेगा। गाय का गोबर खाद के रूप मे पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें। गमला हमेशा थोड़ा गहरा और चैड़ा हो. उसमें नीचे दो बड़े छेद à¤à¥€ हों गमले में नीचे खरपतवार डालें, इसके उपर खाद वाली मिटà¥à¤Ÿà¥€ मिलाà¤à¤‚ और इसके बाद इसमें तà¥à¤²à¤¸à¥€ का पौधा लगाà¤à¤‚। à¤à¤• लीटर पानी में सिरà¥à¤« à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š ळलचेनउ ैंसज को मिलाà¤à¤‚ और पौधे की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और मिटà¥à¤Ÿà¥€ पर छिड़कें, इससे पौधा बिलà¥à¤•à¥à¤² हरा à¤à¤°à¤¾ रहेगा। नठतà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पानी ना डालें। इसकी सबसे ऊपर वाली पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तोड़ दें जिससे पौधा सिरà¥à¤« ऊपर से न बà¥à¥‡ बलà¥à¤•à¤¿ अनà¥à¤¯ पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तरफ से à¤à¥€ उसका गà¥à¤°à¥‹à¤¥ हो। आपके तà¥à¤²à¤¸à¥€ के पौधे में अगर कीड़े आ रहे हैं तो उसपर नीम ऑयल सà¥à¤ªà¥à¤°à¥‡ करे।.
सूरजमà¥à¤–ी बीज व पौधे के फायदे
सूरजमà¥à¤–ी का फूल सà¥à¤¬à¤¹ सूरà¥à¤¯ निकलने से लेकर शाम तक सूरज को देखते हà¥à¤ पूरà¥à¤µ से पशà¥à¤šà¤¿à¤® घूमता जाता है, सूरज की तरफ ही मà¥à¤– (मà¥à¤‚ह) होने की वजह से ही इसे सूरजमà¥à¤–ी या सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी का पौधा कहा गया है। सूरजमà¥à¤–ी का पौधा लगाने के लिठजनवरी-जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ का मौसम सही होता है। यह पूरे साल चलने वाला पौधा है जिसमें मई-अगसà¥à¤¤ तक फूल आते रहते हैं। यह हर तरह की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में बोया जा सकता है। सूरजमà¥à¤–ी का पौधा लगाने के लिठगमले की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में 50ः जैविक खाद (गोबर खाद या वरà¥à¤®à¥€ कामà¥à¤ªà¥‹à¤¸à¥à¤Ÿ) होना चाहिà¤à¥¤ गमले के नीचे छेद होने चाहिठजिससे पानी न रà¥à¤•à¥‡à¥¤ सूरजमà¥à¤–ी के पौधे को खà¥à¤²à¥€ धूप में रखना जरूरी है, अगर दिन à¤à¤° धूप न मिले तो à¤à¥€ कम से कम 6-8 घंटे की धूप तो अवशà¥à¤¯ मिलनी चाहिà¤à¥¤ इस पौधे को सही से बà¥à¤¨à¥‡, फूलने के लिठअचà¥à¤›à¥€ धूप की जरूरत होती है। जब सूरजमà¥à¤–ी का पौधा बà¥à¤¨à¥‡ लगे तो पौधे में बराबर पानी डालने की जरूरत होती है, इसलिठपानी डालने का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें। कम पानी देने से पौधे में अचà¥à¤›à¥€ बà¥à¤¤ नहीं मिल सकेगी। गरà¥à¤®à¥€ के मौसम में 1 दिन का गैप करके पौधे में पानी देते रहें जिससे कि मिटà¥à¤Ÿà¥€ में कà¥à¤› नमी बनी रहे। वैसे तो सूरजमà¥à¤–ी को खाद कि जरूरत नहीं पड़ती लेकिन अगर फूल निकलते समय महीने में 1 बार 1 चमà¥à¤®à¤š खाद डाली जाठतो बड़े और चटक रंगों वाले फूल निकलते हैं। इसके अलावा सूरजमà¥à¤–ी में नियमित रूप से खाद डालने की जरूरत नहीं है, गमला लगाते समय डाली गई जैविक खाद परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। सूरजमà¥à¤–ी के बीज खाने से बहà¥à¤¤ से पोषक ततà¥à¤µ शरीर को मिलते हैं और डॉकà¥à¤Ÿà¤°, डाइटीशियन इन बीजों को खाने की सलाह देते हैं। सूरजमà¥à¤–ी का पौधा लगाने के 2 तरीके हैंः बीज बोना, कलम लगाना। सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° सीडà¥à¤¸ को खाने के लिठबीज के कड़े खोल के अंदर मौजूद बीज को खाना होता है। सूरजमà¥à¤–ी के बीज खाने से शरीर को पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, विटामिन ई, विटामिन बी 6, आयरन, जिंक, तांबा, सेलेनियम, मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤®, पोटैशियम जैसे ततà¥à¤µ मिलते हैं। सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° सीडà¥à¤¸ खाने से हारà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‰à¤¬à¥à¤²à¥‡à¤®, डायबिटीज, बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° रोग होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ कम होती है। सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° सीडà¥à¤¸ के फायदे से शरीर की इमà¥à¤¯à¥‚निटी बà¥à¤¤à¥€ है, रोग-इनà¥à¤«à¥‡à¤•à¥à¤¶à¤¨ नहीं होते और सेलेनियम की वजह से शरीर में à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ बनी रहती है। सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° सीडà¥à¤¸ खाने के लिठसलाद में मिलाà¤à¤‚, बेकिंग वाले फूड आइटम में डालें या हलà¥à¤•à¤¾ à¤à¥‚नकर खाà¤à¤‚। सूरà¥à¤¯à¤®à¥à¤–ी का तेल (सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° आयल) में सैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैट कम होता है। इस तेल में शरीर के लिठ2 फायदेमंद फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡ पॉलीअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡à¥à¤¸ व पॉलीअनसैचà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ फैटी à¤à¤¸à¤¿à¤¡à¥à¤¸ होते हैं। सनफà¥à¤²à¤¾à¤µà¤° की हर वैराइटी के बीज खाने लायक नहीं होते हैं, अगर आप पौधा लगाकर उससे मिले बीज खाना चाहते हैं तो पौधा लगाने से पहले इस बात को कनà¥à¤«à¤°à¥à¤® कर लें कि ये खाने वाले बीज की पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ है या नहीं। सूरजमà¥à¤–ी के कà¥à¤› पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ हाइट में 3-4 फà¥à¤Ÿ तक ही बà¥à¤¤à¥€ है, इसके फूल à¤à¥€ छोटे होते हैं। सूरजमà¥à¤–ी के लंबे पौधों को सपोरà¥à¤Ÿ की जरूरत हो सकती हैं, जिसे आप बांस की डंडी लगाकर दे सकते हैं। सूरजमà¥à¤–ी के बीज गिलहरी, चिड़िया खाती हैं, इस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखे।
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