गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का संघरà¥à¤·à¤ƒ विलà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¿ से असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की ओर
डॉ.सोनिका कà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¹à¤¾ व डॉ.अखिलेश कà¥à¤®à¤¾à¤°
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जैव विविधता संरकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, à¤à¤¾à¤à¤¸à¥€
जब हम पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और पारिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤•à¥€ तंतà¥à¤° में उनकी à¤à¥‚मिका के बारे में बात करते हैं, तो गिदà¥à¤§ सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ रूप से हमारे दिमाग में आते हैं। हमारे सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ जीवन में उनका योगदान अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ है। गिदà¥à¤§ शिकारी पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अंतरà¥à¤—त आने वाले अपमारà¥à¤œà¤• या मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤–ोर पकà¥à¤·à¥€ हैं। गिदà¥à¤§ (टनसजनतम) परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सफाईकरà¥à¤®à¥€ पकà¥à¤·à¥€ होते हैं जो विशाल जीवों के शवों का à¤à¤•à¥à¤·à¤£ कर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को साथ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ रखने का कारà¥à¤¯ करते हैं। पिछले दो दशकों से पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से गिदà¥à¤§à¤°à¤¾à¤œ जटायॠके वंशज आज विनाश की कगार पर हैं। इस खास किसà¥à¤® के पकà¥à¤·à¥€ को कà¥à¤› वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ à¤à¥à¤‚ड के à¤à¥à¤‚ड आसमान मे उड़ते हà¥à¤ देखा जा सकता था । लेकिन आज हमारी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ से परे, आकाश उनकी उड़ानों से खाली होने लगा है। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¶ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ बहà¥à¤¤ तेजी से गिर रही है। गिदà¥à¤§à¥‹ की संखà¥à¤¯à¤¾ मे गिरावट की सूचना 1960 में केरल में मिली थी, 1981 में आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ और करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की à¤à¤• बड़ी आबादी 1987 में समापà¥à¤¤ हो गई। 1990 में देश में गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की कà¥à¤² संखà¥à¤¯à¤¾ लगà¤à¤— 4 करोड़ थी जो कि आज घटकर 60 हजार से à¤à¥€ कम हो गई है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के आनà¥à¤§à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ राजà¥à¤¯ से गिदà¥à¤§ पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ विलà¥à¤ªà¥à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं। 1980 के मधà¥à¤¯ तक देश में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ संखà¥à¤¯à¤¾ में गिदà¥à¤§ पाये जाते थे। यहाठतक कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शहरी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में ऊà¤à¤šà¥‡ वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के आसपास मंडराते हà¥à¤ आमतौर से देखा जाता था। जबकि आज गिदà¥à¤§ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ दà¥à¤°à¥à¤²à¤ हैं। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की घटती संखà¥à¤¯à¤¾ और बà¥à¤¤à¥€ मानव जनसंखà¥à¤¯à¤¾ से परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के लिठखतरा बà¥à¤¤à¤¾ जा रहा है। किसी समय मे पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सफाई करà¥à¤®à¥€ के नाम से समाज मे अपनी पहचान बनाने वाले ये पकà¥à¤·à¥€ अपने जीवन के लिठसंघरà¥à¤· कर रहे है ।
विशà¥à¤µ में गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की कà¥à¤² 22 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पायी जाती हैं व नौ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पायी जाती हैं जिनमें से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° जोखिमगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हैं। देश में गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की जो नौ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पायी जाती हैं:
पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ - अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
शà¥à¤¯à¤¾à¤® गिदà¥à¤§ (।महलचपने डवदंबीन- à¤à¤œà¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¤¸ मोनैकस) पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
यूरेशियन पांडà¥à¤° गिदà¥à¤§ (ळलचे थà¥à¤¨à¤¸à¤…न - जिपà¥à¤¸ फलवस) पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
सफेद पीठगिदà¥à¤§ (ळलचे ठमदहंसमदेप- जिपà¥à¤¸ बेंगालेनसिस) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
दीरà¥à¤˜à¤šà¥à¤‚च गिदà¥à¤§ (ळलचे पà¥à¤¦à¤•à¤ªà¤¬à¤¨à¥‡ - जिपà¥à¤¸ इणà¥à¤¡à¤¿à¤•à¤¸) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
बेलनाचà¥à¤‚च गिदà¥à¤§ (ळलचे जà¥à¤®à¤¦à¤¨à¤ªà¤¤à¤µà¥‡à¤œà¤¤à¤ªà¥‡ - जिपà¥à¤¸ टेनà¥à¤¯à¥‚रासà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¸) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
पांडà¥à¤° गिदà¥à¤§ (ळलचे à¤à¥à¤ªà¤‰à¤‚संलमदेपे - जिपà¥à¤¸ हिमालयेनà¥à¤¸à¤¿à¤¸) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
गोबर गिदà¥à¤§ (छमवचीतवद चà¥à¤®à¤¤à¤¬à¤¦à¤µà¤šà¤œà¤®à¤¤à¤¨à¥‡- नियोफà¥à¤°à¤¾à¤¨ परà¥à¤•à¤¨à¤¾à¤ªà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¤¸) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
राज गिदà¥à¤§ (ैंतबवहलचे बà¥à¤‚सअने - सारकोजिपà¥à¤¸ कालवस) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
अरगà¥à¤² गिदà¥à¤§ (ळलचंमजने ठंतइंजने - जिपिटस बारबेटस) अपà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€
कà¥à¤² नौ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से दीरà¥à¤˜à¤šà¥à¤‚च गिदà¥à¤§ (जिपà¥à¤¸ इणà¥à¤¡à¤¿à¤•à¤¸), सफेद पीठगिदà¥à¤§ (जिपà¥à¤¸ बेंगालेनसिस), बेलनाचà¥à¤‚च गिदà¥à¤§ (जिपà¥à¤¸ टेनà¥à¤¯à¥‚रासà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¸) तथा राज गिदà¥à¤§ (सारकोजिपà¥à¤¸ कालवस) गंà¤à¥€à¤° लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ (बà¥à¤¤à¤ªà¤œà¤ªà¤¬à¤‚ससल मà¥à¤¦à¤•à¤‚दहमतमक) पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त आते हैं जबकि गोबर गिदà¥à¤§ (नियोफà¥à¤°à¤¾à¤¨ परà¥à¤•à¤¨à¤¾à¤ªà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¤¸) लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ (मà¥à¤¦à¤•à¤‚दहमतमक) पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त आते है। शà¥à¤¯à¤¾à¤® गिदà¥à¤§ (à¤à¤œà¤¿à¤ªà¤¿à¤¯à¤¸ मोनैकस) तथा पांडà¥à¤° गिदà¥à¤§ की पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ लगà¤à¤— जोखिमगà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ (छमंत जà¥à¥€à¤¤à¤®à¤‚जमदमक) पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त आती है।
गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वातावरण में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका है। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की सेवाओं का मानव सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• गतिविधि और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है। गिदà¥à¤§ कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ से मृत पशà¥à¤“ं के शवों को खाकर, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को शà¥à¤¦à¥à¤§, मानव, पशà¥à¤“ं और वनà¥à¤¯ जीवों में संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बिमारियों के फैलाव को रोकते है व पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ विà¤à¤¾à¤— के रूप में काम करते हैं। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के पाचन तनà¥à¤¤à¥à¤° में लगà¤à¤— किसी à¤à¥€ संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बीमारी को पैदा करने वाले रोगाणà¥à¤“ं को नषà¥à¤Ÿ करने की अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ होती है। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की अनà¥à¤ªà¤¸à¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में आवारा कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿ हो गयी है परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प रैबीज रोग तेजी से फैल रहा है। मृत पशà¥à¤“ं के मांस की आसान उपलबà¥à¤§à¤¤à¤¾ ने कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के à¤à¥‹à¤œà¤¨ की आदत को बदल दिया है। जब वे मांस पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने में विफल होते हैं, तो वे मनà¥à¤·à¥à¤¯ (विशेष रूप से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚) पर हमला करते हैं और कà¤à¥€-कà¤à¥€ अनà¥à¤¯ जंगली जानवरों पर à¤à¥€à¥¤ कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ मृत जानवरों को नही खाने देते व हमला कर के à¤à¤—ा देते है।
गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में गिरावट गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ के जनजीवन पर आरà¥à¤¥à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डाल रही है। शवों को हटाने के लिठपैसा खरà¥à¤š करना पड़ता है। कà¤à¥€ कà¤à¥€ लोग मृत पशॠको जल मे बहा देते है जिससे जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण हो रहा है । इसी तरह उरà¥à¤µà¤°à¤• उदà¥à¤¯à¥‹à¤— को पशà¥à¤“ की हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की कमी के कारण आरà¥à¤¥à¤¿à¤• हानि से गà¥à¤œà¤°à¤¨à¤¾ पड़ रहा है। यह गरीबों का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ था । गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का हिंदू, पारसी, यूनानी, तिबà¥à¤¬à¤¤à¤¿ और अफà¥à¤°à¥€à¤•à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ है । à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ दो समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से जूठरहा है- à¤à¤• उनकी खà¥à¤¦ की तेजी से घटती जनसंखà¥à¤¯à¤¾ और दूसरी गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की गिरती संखà¥à¤¯à¤¾ जिनकी पारसियों के मृत शरीर के निपटाने में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका होती है। चूंकि आज गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ गंà¤à¥€à¤° सà¥à¤¤à¤° तक घट गई है, इसलिठपारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को तà¥à¤¯à¤¾à¤—ने के लिठमजबूर है। विकलà¥à¤ª के तौर पर पारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ सौर ऊरà¥à¤œà¤¾ का उपयोग शव को जलाने हेतॠकर रहा है।
गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में गिरावट के कई कारण हैं हालांकि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की गिरती संखà¥à¤¯à¤¾ का मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण मवेशियों के लिठउपयोग किया गया डाईकà¥à¤²à¥‹à¤«à¤¿à¤¨à¥‡à¤• नामक दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤¶à¤• दवा माना गया है । गिदà¥à¤§ सफाईकरà¥à¤®à¥€ पकà¥à¤·à¥€ होने के कारण मवेशियों के मृत शरीर का à¤à¤•à¥à¤·à¤£ करते हैं। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° डाईकà¥à¤²à¥‹à¤«à¤¿à¤¨à¥‡à¤• रसायन उनके शरीर में पहà¥à¤à¤š जाता है जिससे गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡ काम करना बनà¥à¤¦ कर देते हैं परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की मौत हो जाती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की गिरती जनसंखà¥à¤¯à¤¾ को देखते हà¥à¤ डाईकà¥à¤²à¥‹à¤«à¤¿à¤¨à¥‡à¤• दवा के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² पर 2006 में ही रोक लगा दी थी और विकलà¥à¤ª के तौर पर मेलोकà¥à¤¸à¤¿à¤•à¥‡à¤® लाà¤à¥¤ बॉमà¥à¤¬à¥‡ नेचà¥à¤°à¤² हिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ सोसायटी (बीà¤à¤¨à¤à¤šà¤à¤¸), ने 2001 से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गिदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का नेतृतà¥à¤µ किया और हरियाणा के पिंजौर में पहला जटायॠसंरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° शà¥à¤°à¥‚ किया । जटायॠसंरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° असम, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल और ओडिशा में à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हैं। उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ महराजगंज जिले में अपना पहला जटायॠसंरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° बनाने के लिठतैयार है। कैपà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ à¤à¤• दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ है। इसके लिठकरोड़ों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। इसके अलावा, इस बात की कोई निशà¥à¤šà¤¿à¤¤à¤¤à¤¾ नहीं है कि पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पाले गठगिदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वातावरण में जीवित रह पाà¤à¤‚गे या नहीं।
डाईकà¥à¤²à¥‹à¤«à¤¿à¤¨à¥‡à¤• के अलावा, गिदà¥à¤§à¥‹ के लगातार कम होने के अनà¥à¤¯ कई महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारण à¤à¥€ हैं। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महतà¥à¤µ नहीं दिया जा रहा है। निवास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का विनाश, लगातार बà¥à¤¤à¤¾ शहरीकरण, पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ की धीमी दर, à¤à¥‹à¤œà¤¨ की कमी, जहरीले शवों का à¤à¤•à¥à¤·à¤£, सड़क और टà¥à¤°à¥‡à¤¨ दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤à¤‚, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विà¤à¤¾à¤—ों के बीच समनà¥à¤µà¤¯ की कमी और कानूनी संरकà¥à¤·à¤£ का अà¤à¤¾à¤µ गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की गिरती संखà¥à¤¯à¤¾ के कारण हैं। घोंसले बनाने के लिठइसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किये जाने वाले पेड़ों की कटाई से निवास और à¤à¥‹à¤œà¤¨ सà¥à¤¥à¤² के विनाश à¤à¥€ गिदà¥à¤§ आबादी में गिरावट के कारण है। वृकà¥à¤· कटान और खनन बà¥à¤‚देलखंड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के हनन के दो पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारण हैं। गिदà¥à¤§ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ होते हैं लेकिन पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ में बहà¥à¤¤ समय लगाते हैं। गिदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ में ५ वरà¥à¤· की अवसà¥à¤¥à¤¾ में आते हैं। गिदà¥à¤§ आमतौर से à¤à¤• वरà¥à¤· में à¤à¤• ही अणà¥à¤¡à¤¾ देते हैं। यही कारण है कि गिदà¥à¤§ अà¤à¥€ à¤à¥€ अपनी संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾ नहीं पा रहा है। पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ निवासियों की गतिविधियों की वजह से विघà¥à¤¨ à¤à¥€ चिंता का विषय हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कà¥à¤› समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ जैसे की गà¥à¤‚टूर और पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤® आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ जिलों में, मà¥à¤‚बई के पास बपने और बेंगलूर के पास के गांवों सासनगिर और विशà¥à¤µà¤¨à¥€à¤¦à¤¨ में लोग गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को पकड़ के सामानà¥à¤¯ à¤à¥‹à¤œà¤¨ के रूप में या उतà¥à¤¸à¤µ के दिन खाने के लिठइसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते है। गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ में धीमी पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ दर à¤à¥€ उनकी संखà¥à¤¯à¤¾ गिरावट का à¤à¤• कारण है।
गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का संरकà¥à¤·à¤£
गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की निरनà¥à¤¤à¤° घटती आबादी गंà¤à¥€à¤° चिनà¥à¤¤à¤¾ का विषय है अतः इन सफाईकरà¥à¤®à¥€ पकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠततà¥à¤•à¤¾à¤² धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। गिदà¥à¤§ संरकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ केंदà¥à¤° à¤à¤• मातà¥à¤° विकलà¥à¤ª नही होना चाहिठहै। गिदà¥à¤§ à¤à¤• विशाल खà¥à¤²à¥‡ आसमान मे शानदार उड़ान à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाला आजाद पकà¥à¤·à¥€ है, अतः सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® उनके पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आवासो को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करना होगा। पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के संरकà¥à¤·à¤£ के लिठसà¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨, à¤à¥‹à¤œà¤¨ और बसेरा सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ की नियमित निगरानी व संरकà¥à¤·à¤£ पर विचार करना चाहिठव उचित रणनीति की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। कम से कम 1 किलोमीटर की परिधि में इन सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के आसपास सà¤à¥€ गतिविधियों को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया जाना चाहिठ। अरà¥à¤œà¥à¤¨, पीपल, सेमल, कà¥à¤µà¤¾ के पेड़ों की कटाई पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚धित व वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया जाना चाहिà¤à¥¤ गौशालाओं को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ देने से सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ और परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤¨ सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करे । गिदà¥à¤§ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¸ व बचाव केंदà¥à¤° की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ से घायल और बीमार गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के उपचार में मदद मिलेगी। ‘‘गिदà¥à¤§ गणना ‘‘ à¤à¤• वरà¥à¤· में दो बार, दिसंबर- जनवरी और मारà¥à¤š - अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के महीने में कि जानी चाहिà¤à¥¤ गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के विघटित आवासों के पà¥à¤¨à¤°à¥‚दà¥à¤§à¤¾à¤° की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। पशॠचिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ को गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के इलाज के लिठपà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जाना चाहिà¤à¥¤ सितंबर के पहले शनिवार को अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ गिदà¥à¤§ जागरूकता दिवस मनाये। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विà¤à¤¾à¤—ों के बीच समनà¥à¤µà¤¯ और समठजैसे की परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विà¤à¤¾à¤— (परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अशांति रोकने), पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ विà¤à¤¾à¤— (सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ में घोंसलों की रकà¥à¤·à¤¾ करने के लिà¤), वन विà¤à¤¾à¤— (सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ और गिदà¥à¤§ कालोनियों की निगरानी के लिà¤), कृषि विà¤à¤¾à¤— (हानिकारक कीटनाशकों और डà¥à¤°à¤—à¥à¤¸ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से परहेज) शिकà¥à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤— (सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों, छातà¥à¤°à¥‹à¤‚, गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚, और वन के अधिकारियों के बीच जागरूकता के लिà¤)। संरकà¥à¤·à¤£ के उपायों में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों की à¤à¤¾à¤—ीदारी सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करें, खासकर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के लिठजागरूकता और शिकà¥à¤·à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® । सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ को शामिल किठबिना गिदà¥à¤§ की अवधारणा असंà¤à¤µ है। संरकà¥à¤·à¤£ डà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤Ÿ तैयार करते समय, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोगों की उपेकà¥à¤·à¤¾ करते हैं। यह गिदà¥à¤§ संरकà¥à¤·à¤£ के लिठकारà¥à¤¯ योजनाओं में à¤à¤• बड़ा अंतर पैदा करता है। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विà¤à¤¾à¤—ों के लोगों को शामिल किठबिना गिदà¥à¤§ संरकà¥à¤·à¤£ के लिठअंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ और सेमिनार आयोजित करना निररà¥à¤¥à¤• है। सीमित करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ अपनी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की कारà¥à¤¯ योजना के साथ मà¥à¤Ÿà¥à¤ ी à¤à¤° वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• करोड़ों रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ खरà¥à¤š करने के बाद à¤à¥€ गिदà¥à¤§à¥‹à¤‚ को बचाने में विफल रहेंगे। संरकà¥à¤·à¤£ à¤à¤•à¤² पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ या लोगों के à¤à¤• समूह के साथ संà¤à¤µ नहीं है।
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fo'o esa fx)ksa dh dqy 22 çtkfr;k¡ ik;h tkrh gSa o ukS çtkfr;k¡ Hkkjr esa ik;h tkrh gSa ftuesa ls T;knkrj tksf[kexzLr gSaA ns'k esa fx)ksa dh tks ukS çtkfr;k¡ ik;h tkrh gSa %
çtkfr;k¡ Hkkjr esa çoklh & vçoklh
';ke fx) ¼Aegypius Monachu& ,ftfi;l eksuSdl½ çoklh
;wjsf'k;u ikaMqj fx) ¼Gyps Fulvu & ftIl Qyol½ çoklh
lQsn ihB fx) ¼Gyps Bengalensi& ftIl csaxkysufll½ vçoklh
nh?kZpqap fx) ¼Gyps Indicus & ftIl bf.Mdl½ vçoklh
csyukpqap fx) ¼Gyps Tenuirostris & ftIl VsU;wjkLVªhl½ vçoklh
ikaMqj fx) ¼Gyps Himalayensis & ftIl fgeky;sfUll½ vçoklh
xkscj fx) ¼Neophron Percnopterus& fu;ksÝku idZukIVsjl½ vçoklh
jkt fx) ¼Sarcogyps Calvus & lkjdksftIl dkyol½ vçoklh
vjxqy fx) ¼Gypaetus Barbatus & ftfiVl ckjcsVl½ vçoklh
dqy ukS çtkfr;ksa esa ls nh?kZpqap fx) ¼ftIl bf.Mdl½] lQsn ihB fx) ¼ftIl csaxkysufll½] csyukpqap fx) ¼ftIl VsU;wjkLVªhl½ rFkk jkt fx) ¼lkjdksftIl dkyol½ xaHkhj yqIrçk; ¼Critically Endangered½ çtkfr ds vUrxZr vkrs gSa tcfd xkscj fx) ¼fu;ksÝku idZukIVsjl½ yqIrçk; ¼Endangered½ çtkfr ds vUrxZr vkrs gSA ';ke fx) ¼,ftfi;l eksuSdl½ rFkk ikaMqj fx) dh çtkfr yxHkx tksf[kexzLr ¼Near Threatened½ çtkfr ds vUrxZr vkrh gSA
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