à¤à¤¸à¥‡ लाà¤à¤‚ अपनें यहाठगà¥à¤²à¤¾à¤¬ की बहार
अपने गारà¥à¤¡à¤¨ में गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के पौधे को लगाना कोई मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² काम नहीं है, बस इस बात का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखें कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सूरज की परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रोशनी मिलती हो। घर में गà¥à¤²à¤¾à¤¬ लगाà¤à¤‚ तो कà¥à¤› छोटेकृछोटे टिपà¥à¤¸ पर अमल करें। पौधे को लगानाः टिपà¥à¤¸ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के पौधे को लगाने से ही शà¥à¤°à¥‚ होती है। यह इस बात पर निरà¥à¤à¤° करता है कि आप इसे कैसे लगाते हैं। अगर आप इसे गमले में लगा रहे हैं तो पौधे को लगाने से पहले मिटà¥à¤Ÿà¥€ में जैविक खाद मिला लें। वहीं अगर जमीन पर गà¥à¤²à¤¾à¤¬ का पौधा लगा रहे हैं तो दो पौधों के बीच में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दूरी जरूर रखें। पौधों को सिरà¥à¤« उसी जगह लगाà¤à¤‚ जहां पर उसे सूरज की परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ रोशनी मिलती हो। पानी देनाः पौधे के अचà¥à¤›à¥‡ विकास के लिठजरूरी है कि उसे परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मातà¥à¤°à¤¾ में पानी दिया जाà¤à¥¤ अगर पौधा गमले में लगा है तो बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पानी न दें। सà¥à¤¬à¤¹ के समय पौधों को पानी देना सबसे अचà¥à¤›à¤¾ रहता है। मलà¥à¤šà¤¿à¤‚गः चूंकि गà¥à¤²à¤¾à¤¬ को बहà¥à¤¤ अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है, इसलिठमलà¥à¤š का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करें। इससे मिटà¥à¤Ÿà¥€ में परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नमी बनी रहेगी और पौधे का अचà¥à¤›à¥‡ विकास à¤à¥€ होगा। गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के पौधे की जड़ में दो से चार इंच मोटी बारीक पतà¥à¤¤à¥€ या घास की परत बिछा दें। इसे तने से कम से कम à¤à¤• इंच की दूरी पर रखें। खादः जहां तक हो सके रसायनिक खाद से दूर रहें। à¤à¤¸à¥‡ कई घरेलू खाद à¤à¥€ हैं जो गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के विकास में काफी मदद करता है। अंडे का खाल, सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अवशेष और टी गà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤‚ड काफी फायदेमंद होता है। अगर आप रसायनिक खाद का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर रहे हैं तो इस बात को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करें कि आप इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² सही समय पर करते हों। à¤à¤¸à¥‡ खाद का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करें, जिनमें फासà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸ हो। छंटाईः गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के पौधे को लगाने का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ होता है अपने गारà¥à¤¡à¤¨ में खूबसूरत फूलों को देखना। अगर आप जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ फूल पाना चाहते हैं तो पौधों की नियमित रूप से कटाईकृछंटाई à¤à¥€ करें। इससे पौधे के विकास को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ मिलता है। बाहर की तरफ निकलने वाली कोंपलों को काट दें। साथ ही मरे, टूटे या बीमारी से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हिसà¥à¤¸à¥‡ को à¤à¥€ हटाना न à¤à¥‚लें।
असली रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की पहचान करें
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की महिमा का वरà¥à¤£à¤¨ मिलता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन मानस में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अननà¥à¤¯ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ है। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ हिंदी और मराठी à¤à¤µà¤‚ कनà¥à¤¨à¥œ में इसे रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के नाम से जाना जाता है। लैटिन में इसे इलियोकारà¥à¤ªà¤¸ गैनीटà¥à¤°à¤¸à¤¶à¥ कहा जाता है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤¦ में खटà¥à¤Ÿà¤¾ रà¥à¤šà¤¿à¤µà¤°à¥à¤§à¤• वायà¥à¤•à¤« नाशक है। शहद के साथ घिसकर देने से यह मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ में लाठपहà¥à¤‚चाता है। गले à¤à¤µà¤‚ हाथ में बांधने से यह रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ रखता है। सोने चांदी या तामà¥à¤¬à¥‡ के संसरà¥à¤— से इसके गà¥à¤£à¥‹à¤‚ में वृदà¥à¤§à¤¿ होती है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पेड़ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ खंड में विषà¥à¤µà¤¤ रेखा के पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त महासागर के टापà¥à¤“ं à¤à¤µà¤‚ आसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ के जंगलों में पाये जाते हैं। मलाया जावा सà¥à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾ बोरà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹ में रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के पेड़ बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। नेपाल बरà¥à¤®à¤¾(मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार) में à¤à¥€ इसके पेड़ हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सहà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤¿ परà¥à¤µà¤¤à¤®à¤¾à¤²à¤¾ में कहीं -कहीं ये दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर होते हैं। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पेड़ लगà¤à¤— पचास -साठफà¥à¤Ÿ ऊà¤à¤šà¤¾ होता है। शाखाà¤à¤‚ सीधी à¤à¤µà¤‚ लंबी होती हैं। पतà¥à¤¤à¥‡ नागरबेल के पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से मिलते -जà¥à¤²à¤¤à¥‡ लंबवरà¥à¤¤à¥à¤²à¤¾à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ में कà¥à¤› रूकà¥à¤· होते हैं। पके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का रंग लाल होता है à¤à¤µà¤‚ फलों का गहरा आसमानी। फल पकने को आते हैं तब नीचे गिर जाते हैं। ऊपर का आवरण निकल देने पर अंदर से जो बीज निकलता है उसे ही रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· कहते हैं। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ इसकी दो जातियां होती हैं। छोटे आकार में à¤à¤µà¤‚ बड़े आकार में। बेर की तरह छोटे आकार के रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की कीमत अधिक होती है ।रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के बीज पर लकीरें अंकित होती हैं जो सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ पांच होती हैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के मà¥à¤–ों के नाम से जाना जाता है। छोटे आकार के रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· पर ये लकीरें सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ नहीं होतीं। à¤à¤•à¤®à¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· से लेकर चैदह मà¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· तक का वरà¥à¤£à¤¨ मिलता है। कहा जाता है कि कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को धारण करने के बाद अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ सफलता अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ की à¤à¤µà¤‚ उनका वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ बना । à¤à¤•à¤®à¥à¤–ी रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का मिलना बहà¥à¤¤ कठिन है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की पहचान न होने से बहà¥à¤¤ से लोग नकली रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को ही असली समठकर ले लेते हैं। बेर की गà¥à¤ ली को à¤à¥€ थोड़ा आकर - पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° देकर रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· में खपा दिया जाता है । इसके अलावा रासायनिक मिशà¥à¤°à¤£ से à¤à¥€ नकली रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· तैयार किया जाता है। à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· नाम कफल और रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· में नाम के साथ -साथ रूप में à¤à¥€ सामà¥à¤¯à¤¤à¤¾ होने से लोग à¤à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· को à¤à¥€ रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· समठलेते हैं। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की सामानà¥à¤¯ पहचान यह है कि वह पानी में डूब जाता है। दो तामà¥à¤¬à¥‡ की पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¥‹à¤‚ के बीच में रखने पर वह घूम जाता है। रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· के ३२ मनकों की माला गले में धारण करने पर सरà¥à¤¦à¥€ से दà¥à¤–ते गले को आराम मिलता है व जà¥à¤µà¤° आदि उतर जाता है। गले की अनà¥à¤¯ बिमारियों à¤à¤µà¤‚ टॉनà¥à¤¸à¤¿à¤²à¥à¤¸ में à¤à¥€ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• माना जाता है । à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि साधॠ-संतों और योगियों ने इसकी चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वशीà¤à¥‚त होकर ही इसे अपनाया था । रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· में या तो कोई औषधीय गà¥à¤£ सनà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¤¿à¤¤ है या कोई अदृशà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ चà¥à¤‚बकीय शकà¥à¤¤à¤¿ लेकिन इनमें कोई शकà¥à¤¤à¤¿ अवशà¥à¤¯ है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
चिलगोजा है काजू, बादाम की टकà¥à¤•à¤° का
चिलगोजा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤• मेवे के रूप में जाना जाता है। चिलगोजा पाइन के पेड़ के बीज होते हैं । चिलगोजा का रंग लाल à¤à¥‚रा होता है। इसकी गिरी सफेद रंग की होती है। इसकी तासीर गरà¥à¤® होती है! यह धातà¥à¤µà¤°à¥à¤§à¤• होता है तथा à¤à¥‚ख को बढाता है! चिलगोजा का पà¥à¤°à¤¸à¤‚सà¥à¤•à¤°à¤£ बहà¥à¤¤ ही मेहनत का काम है पर इसका पोषण मूलà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ अधिक है। चिलगोजे की 5 मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं। साइबेरियाई चीड़, कोरियाई चीड़, इतालवी पतà¥à¤¥à¤° चीड़, चिलकोजा चीड़, à¤à¤•à¤² पतà¥à¤¤à¥€ और कोलोराडो। à¤à¥à¤¨à¥‡ हà¥à¤ चिलगोजे सबसे सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ लगते हैं । चिलगोजे, कà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¥‡ मीठे और सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ होते हैं । चिलगोजे की फसल पंदà¥à¤°à¤¹ माह में तैयार होती है और इसकी विशेषता यह है कि अलगे साल कितनी फसल चिलगोजे के पेड़ पर तैयार होगी, इस बात का पता पहली फसल के तोड़ने से पहले ही टहानियों में तैयार हो रहे कोण से पता चलता है। कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤ˆà¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ और पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ यà¥à¤•à¥à¤¤ चिलगोजा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के किनà¥à¤¨à¥Œà¤° और चंबा के साथ-साथ जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¥€ पाया जाता है।चिलगोजा में ओइलिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ मोनेा असंतृपà¥à¤¤ वसा अमà¥à¤² को अचà¥à¤›à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ है जो रकà¥à¤¤ में à¤à¤š डी à¤à¤² (अचà¥à¤›à¤¾ कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥…ाल ) के सà¥à¤¤à¤° को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और à¤à¤² डी à¤à¤² (खराब कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥…ाल) के सà¥à¤¤à¤° को कम करने में मदद करता है। जिससे कोरोनरी धमरी की बीमारियों को रोकने, सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤•, दिल का दौरा ओर कोनोनरी धमनियों को सखà¥à¤¤ होने से तथा सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ रकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¾à¤‡à¤² बनाठरखने में सहायता करता है । चिलगोजे में विटामिन ई बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ से पाया जाता है जो शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ à¤à¤‚टीआॅकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट होने के कारण हानिकारक आॅकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ मà¥à¤•à¥à¤¤ कणों के खिलाफ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। चिलगोजे में विटामिन बी काॅमà¥à¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸, नियासिन, राइबोलेविन और थायमिन अधिक होने की वजह से हारमोन टेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤¨ के सà¥à¤¤à¤° को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में मदद करता है, लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ को बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ जिससे तनाव और चिंता कम कर , अचà¥à¤›à¤¾ मूड बनाने में मदद करता है । चिलगोजे में मौजूद à¤à¤‚टीआॅकà¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट मà¥à¤•à¥à¤¤ कण को बेअसर करके कैंसर और हृदय रोग होने से बचाते हैं । चिलगोजा में पीनोलेईक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ होता है जो à¤à¥‚ख महसूस करने पर अंकà¥à¤¶ लगाता है जिससे à¤à¤¸à¤¾ महसूस होता है कि पेट à¤à¤°à¤¾ हà¥à¤† है जो कि à¤à¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संपादित होता है और व.जन घटाने में बहà¥à¤¤ मदद करता है। चिलगोजे में खनिज मैगà¥à¤¨à¥€à¤¶à¤¿à¤¯à¤® की मातà¥à¤°à¤¾ बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में पायी जाती है जो तंतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ और मांसपेशी के कामकाज के लिठऊरà¥à¤œà¤¾ जो कि शरà¥à¤•à¤°à¤¾ के रूप के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है, साथ ही यह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ को सà¥à¤¦à¥ƒà¥œ करने में मददगार है। चिलगोजे में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मजबूत, दांतों को सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯, हृदय और तंतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ तंतà¥à¤°, à¤à¤µà¤‚ मांसपेशियों की कारà¥à¤¯ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है। चिलगोजे में मौजूद आयरन à¤à¤¨à¥€à¤®à¤¿à¤¯à¤¾ होने से रोकता है तथा लाल रकà¥à¤¤ कोशिकाओं के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ à¤à¤µà¤‚ कोशिकाओं की मरमà¥à¤®à¤¤ में सहायक है। चिलगोजे में मौजूद पोटेशियम खनिज लवण रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने तथा दिल की धड़कन की दर को à¤à¤• सा बनाठरखने में मदद करता है । चिलगोजा में फोलेट सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ गरà¥à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤µà¤‚ दà¥à¤—à¥à¤§ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ में सहायक है। चिलगोजा का तेल की मीठी सà¥à¤—ंध तथा नाजà¥à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¦ होता है, इसे औषधीय के रूप उपयोग किया जाता है। चिलगोजा खाने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के शरीर में चà¥à¤¸à¥à¤¤à¥€ और फà¥à¤°à¥à¤¤à¥€ के साथ ही साथ अधिक ताकत à¤à¥€ आती है। तथा नपà¥à¤‚सकता दूर होती है।

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