A First-Of-Its-Kind Magazine On Environment Which Is For Nature, Of Nature, By Us (RNI No.: UPBIL/2016/66220)

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Green Update

TreeTake is a monthly bilingual colour magazine on environment that is fully committed to serving Mother Nature with well researched, interactive and engaging articles and lots of interesting info.

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कर्ज माफी के बदले पौधारोपण करें किसानः योगी

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर लखनऊ के इंदिर गांधी प्रतष्ठिान में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण की चिंता को दर्शाना है। व्यक्ति जितना पर्यावरण के समीप रहेगा उतना ही अधिक स्वथ्य और दीर्घायु होगा लेकिन इस भागम भाग में हमने पर्यावरण को भुला दिया है। हम लोग तो पर्यावरण के बीच में ही पैदा हुए हैं। मैं कल प्रयाग राज पहुंचा था वहां का तापमान ४५ रहा है। अगर हम संतुलन बनाने की कोशिश नहीं करोंगे तो संकट का नया दौर पैदा कर लेंगे। प्राकृतिक जंगल नष्ट हो रहे है लेकिन कंक्रीट के जंगल दिख रहे है। जो चीजें हमारे लिए जरूरी नहीं है लेकिन जीवन का हिस्सा बन गई हैं। आज वृक्षारोपण  करना जितना जरूरी है उससे ज्यादा जरूरी उसका संरक्षण करना है। सीवर का पानी और उद्योग का पानी नदियों में डाला जा रहा है। जिन नदियों का पानी मीठा था वो जहरीला हो गया है। अब बिना सहभागिता कुछ नहीं हो पाएगा। प्रकृति ने हमें दिया लेकिन हम उसको सहेज नहीं पाए। आज का दिन आह्वान करता है कि हम लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ रोपित करें। मैं अपने मंत्रियों से कहूँगा वो ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और उसको एक व्यक्ति से जोड़ दें। केवल पेड़ लगाना ही लक्ष्य न रहे बल्कि उसका संरक्षण भी हो। जब हम ८६ लाख किसानों को जब हम कर्ज माफी का पत्र देंगे तो मैं वन विभाग से अनुरोध करूंगा कि वे हर किसान को १० -१० पौधे दें तो वे अपने खेतों पर पौधे जरूर लगाएं।

 à¤•à¤¾à¤¶à¥€ वन प्रभाग का अवैध कब्जे व खनन के विरुद्ध अभियान

संरक्षित वन भूमि पर अवैध कब्जे और खनन को लेकर राज्य सरकार, जिला प्रशासन और काशी वन्यजीव  प्रभाग का सख्त तेवर अब रंग ला रहा है । २८ मई को चंदौली में वन विभाग ने लगभग दो दशक में सबसे बड़ा अभियान चलाया और जिलाधिकारी की मौजूदगी में काशी वन्य जीव प्रभाग के मझगाई रेंज अंतर्गत कंपार्टमेंट दस में १२५ एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया। दिनभर चली कार्रवाई में भूमाफिया मोहन सिंह के कब्जे वाली १२५ एकड़ आरक्षित वन भूमि का सीमांकन कराने के साथ अवैध निर्माण को जेसीबी से गिरवा दिया गया। ३२ अवैध कब्जेदारों के घरों पर फोर्स ने दबिश दी पर कोई मिला नहीं। भूमाफिया मोहन सिंह और उसके सहयोगियों से बाकी १७५ एकड़ जमीन पर वन विभाग का कब्जा दिलाने की कार्रवाई लगातार चलेगी। इस अभियान में डीएम हेमंत कुमार, एसपी संतोष कुमार सिंह के साथ डीएफओ गोपाल ओझा, चकरघट्टा थानाध्यक्ष व उनका पुलिस बल, सीआरपीएफ और पीएसी भी शामिल रही।

वन विभाग के जिला प्रभारी गोपाल ओझा ने बताया कि १२५ एकड़ जमीन पर भूमाफिया ने १५ साल से ज्यादा समय से कब्जा कर रखा था और पेड़ काटकर खेती करने लगे थे। अब वन विभाग आरक्षित भूमि पर डेढ़ करोड़ की लागत से वृक्षारोपण कराएगा व चेक डैम व तालाब बनवाएगा। डीएम के निर्देश अनुसार उक्त भूमि पर पौधरोपण करने के लिए गड्ढे की खोदाई का कार्य जून माह के अंत तक पूरा कर समय से पौधरोपण का कार्य सुनिश्चित कर लिया जायगा। पौधों को हरा भरा रखने के लिए जल स्त्रोत के लिए तालाब व चेकडैम का निर्माण मनरेगा के तहत होगा।

इसके कुछ दिन पूर्व पुलिस व वन विभाग की संयुक्त टीम ने चन्द्रप्रभा रेंज के अंतर्गत शिकारगंज क्षेत्र की प्रतिबंधित पहाड़ियों पर छापेमारी की थी और गणेशपुर स्थित कोठी घाट की पहाड़ियों पर अवैध खनन की खादानों से पांच ट्रैक्टर पटियाँ जप्त करके हजारों तैयार पटियाँ नष्ट कर दी थीं। इसके पहले अवैध पत्थर खनन कर रहे वन माफिया ने टकटकपुर गांव के समीप चकिया भीषमपुर मार्ग पर गश्त कर रहे वन कर्मियों पर   धावा भी बोला था और उन्हें घायल कर दिया था। इस प्रकार के टकराव इस बात की पुष्टि करते है कि वनविभाग की कार्यवाही से वन, भू व खनन माफियाओं में हड़कंप मच चुका है।

ज्ञातव्य हो कि जनपद में ३,५४८ हेक्टेयर वन भूमि भू माफियाओं समिट अन्य लोगों के कब्जे में है व ८०० हेक्टेयर भूमि का मामला न्यायलय में लंबित चल रहा है। वन विभाग और जिला प्रशासन ने मार्च २०१८ तक एक हजार हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराने का लक्ष्य तय कर रखा है। इसके लिए ५००० लोगों को चिन्हित किया है जिन्होंने वन भूमि पर कब्जा कर रखा है । इनमे से १० भू माफिया की श्रेणी में आते हैं।

वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आए सीएम योगी ने २७ मई को वाराणसी मंडल के अफसरों संग बैठक में अपराधियों-माफियाओं और भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। सीएम ने कहा था कि हर हाल में गैंगस्टर और अपराधी सलाखों के पीछे होने चाहिए।

यह भी बताना आवश्यक है कि प्रदेश में एक लाख हेक्टेयर से अधिक सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हैं। कोई ऐसा जिला बाकी नहीं है जहां सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा न हो। राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में ये तथ्य दर्ज हैं। अकेले राजधानी में ही पांच हजार हेक्टेयर से अधिक सरकारी जमीन पर भू-माफिया का कब्जा है। भू-माफिया की सूची प्रत्येक थाने में है मगर यही भू-माफिया राजनीति करते हैं और कई जगह समाज सुधारक भी बने फिरते हैं इसलिए इनपर एक्शन नहीं होता है।

 à¤œà¥ˆà¤µà¤µà¤¿à¤µà¤¿à¤§à¤¤à¤¾ दिवस पर गोष्टी आयोजित 

अंतराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस के अवसर पर २२ मई को श्री लालबहादुर शास्त्री गन्ना संस्थान डालीबाग, लखनऊ में जैववविधता और संवहनीय पर्यटन विषय पर एक गोष्टी का आयोजन हुआ। राश्ट्रीय गोश्ठी के विशिष्ट अतिथि, अध्यक्ष एंव प्रबन्ध निदेषक, एयर इन्डिया अष्वनी लोहनी ने कहा कि इको टूरिज्म को मात्र बाघ तक सीमित न रखकर सम्पूर्ण जैवविविधता के प्रति पर्यटकों को आकर्शित करने की आवश्यकता है। गौरैया, गिद्ध व बाघ की सख्या में आ रही गिरावट पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने ने सरिस्का व मध्य प्रदेष का उदाहरण देते हुए विगत वर्षों में बाघों की संख्या में हो रही वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरणध्अध्यक्ष उ0प्र0 राज्य जैवविविधता बोर्ड संजीव सरन ने कहा कि आज का दिन हमारी जैवविविधता को बनाए व बचाए रखने का अवसर प्रदान करता है । उन्होने कहा कि वनाधिकारी व प्रशासक  के रूप में अपनी सम्पदा को बचाने व बढ़ाने का दायित्व भी हमारा है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उ0प्र0 डाॅ रूपक डे ने प्रस्तावित इको टूरिज्म सर्किटों को दर्शाते हुए निकटवर्ती सांस्कृतिक, पुरातात्विक व धार्मिक स्थलों से जोडने की आवश्यकता का उल्लेख किया। संगोष्ठी में वन एवं वन्यजीव विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न अनुसंधान के प्रतिनिधि, शोध छात्र, गैर सरकारी संगठनों के सदस्य एवं सम्पूर्ण प्रदेश के वनाकारियों ने भाग लिया।

 2nd phase of Ganga biodiversity survey

The Wildlife Institute of India, Dehra Dun under project ‘Biodiversity Conservation and Ganga Rejuvenation’ is re-constructing the biodiversity profile of Ganga River. The second phase of the survey was flagged off on May 18 from Kanpur and would continue till Farakka Barrage before the monsoon breaks. The survey was flagged off by Chief Conservator of Forests (Wildlife), Govt. of Uttar Pradesh, Sushil Awasthi,  in the presence of Director, Kanpur Zoo, Deepak Kumar.

The survey will cover around 1100 km of the Ganga. The objective of this assessment is to derive the distribution pattern and habitat suitability of the Gangetic dolphin, Smooth-coated otter, Gharials, Mugger, breeding birds and smaller fauna such as turtles, snakes, lizards and frogs and aquatic invertebrates and of the Ganga River. Dr SA Hussain and Dr Ruchi Badola, Project coordinators of the NMCG sponsored Ganga Biodiversity restoration project at the Wildlife Institute of India have stressed upon the importance of the role of State Forest Departments and the local communities in the success of this project. The biodiversity assessment will cover the entire Ganga River from Devprayag in Uttarakhand to Sundarbans in West Bengal and with active involvement of the riverside village communities under its citizen science programme. The survey team includes seven experts from various disciplines led by Aftab Alam Usmani, Goura Chandra Das, Narendra Mohan. The other members are Bitupan Boruah, Kritish De, Arvind Kumar Dwivedi and Rajiv Chouhan.

 May 2017

सरकार वनों के संरक्षण व विस्तार के लिए प्रतिबद्धः योगी 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में वन, वृक्ष एवं वन्य जीवों के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के निर्देश देते हुए कहा है कि ग्रीन कवर में वृद्धि की जाए। ईको-टूरिजम को बढ़ावा दिया जाए। सामाजिक वनीकरण की परियोजनाओं को विकसित किया जाए। वनों के क्षेत्रफल में वृद्धि के प्रयास किये जाएं। उन्होंने अवैध कब्जा की गयी वन भूमि को खाली कराने एवं वन भूमि में अवैध खनन पर सख्ती से नियंत्रण करने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश 20 अप्रैैल को शास्त्री भवन में वन एवं वन्य जीव विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान दिये।

उन्होंने कहा कि वनों के प्रबन्धन व सुरक्षा का आधुनिकीकरण किया जाए। कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वृक्षारोपण कार्यक्रम जमीन पर दिखायी पड़ना चाहिए। यह सिर्फ आकड़ों में न हो। उन्होंने वृक्षों की अवैध कटान और पौधरोपण के नाम पर धन के दुरुपयोग को कड़ाई से रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि इनके सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाएगा। उन्होंने वृक्षारोपण के साथ-साथ पौधों के संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि वृक्षारोपण और सामाजिक वानिकी के कार्यक्रमों से लोगों को जोड़ा जाना चाहिए।

श्री योगी ने कहा कि ग्रीन बेल्ट विकसित किये जाने में जनप्रतिनिधियों, स्थानीय निवासियों, स्वयंसेवी संगठनों, विद्यार्थियों, सामाजिक संस्थाओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ईको-टूरिजम के लिए उचित वातावरण बनाने तथा चिन्हित स्थलों को विकसित करने पर बल दिया और कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय जनता को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने पर्यटकों को उच्चीकृत पारिस्थितिकीय अनुकूल सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार वनों के संरक्षण और विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। जनता को वन सहित अन्य प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से ईको-टूरिजम को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पौधशाला प्रबन्धन में उच्च तकनीक का उपयोग किया जाए। वनों के भीतर से गुजरने वाले मार्गाें का भी रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए, जिससे लोगों को आवागमन में असुविधा न हो। अवैध कटान, शिकार व खनन के विरुद्ध अभियान चलाया जाए। श्री योगी ने किसानों के निजी वृक्षों की कटान प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि वन सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण किया जाए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Environment awareness event held on Earth Day

A sensitization cum awareness programme was organized by C-CARBONS on the occasion of World Earth Day on April 22 for the students of SKD Academy Gomtinagar. Retired IAS officer and former principal secretary, forest & environment, VN Garg was the chief guest. The key speaker was Dr Dhruv Sen Singh, Professor, department of Geology, Lucknow University and also a renowned environmentalist who was a member of the first Indian expedition to Arctic (North Pole) in 2007 that had hoisted the National Flag there for the first time in the Indian history. The other key speaker was former director of environment department, Govt of UP, OP Varma. The programme started with the plantation of trees by the chief guest along with the students of SKD Academy. Thereafter a symposium was organised in the auditorium of SKD Academy in which around 400 students participated. President C-CARBONS VP Srivastava greeted the guests and the audience. On the occasion an environmental awareness competition was also organised and prizes and certificates were awarded to the winners.

पर्यावरण एवम जल संरक्षण रैली 

राष्ट्रीय संस्था पर्यावरण प्रेरणा व भारत विकास परिषद शाखा सिरसा द्वारा रमेश गोयल के नेतृत्व में पर्यावरण एवम जल संरक्षण रैली का सफल आयोजन 27 अप्रैल 2017 को किया गया जिसमें आर के सीनीयर सैकेन्डरी स्कूल, विवेकानन्द वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा एस एस जैन व मा. विद्यालय के सैंकड़ों छात्र छात्राओं व नगर के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।  टाउन पार्क सिरसा से चलकर गीता भवन मार्ग, हिसारिया बाजार, रोड़ी बाजार होती हुई नेहरु पार्क पर विसर्जित इस रैली को सीडीएलयू के कुलपति श्री विजय कायत ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। जल बचेगा-जीवन बचेगा, पर्यावरण बचायेंगे-पेड़ हम लगायेंगे।पानी भी बचायेंगे- बिजली भी बचायेंगे, पाइप लगाकर फर्श न धोएं-गाड़ी पर हम जल न खोएं,, खुल्ले में कूड़ा-नहीं डालेंगे नहीं डालेंगे, कागज बचेगा-पेड़ बचेगा, आओ हम संकल्प करें- पेड़ जरूर लगाएंगे, टूंटी कभी न -खुल्ली छोड़ें , बूँद बूँद से - घट भरता है. जैसे नारो से शहर गूंज उठा और लोगों ने जगह जगह अभियान का अभिवादन किया। मुख्य अतिथि श्री कायत ने दोनों संस्थाओं व श्री गोयल के मिशन भाव से कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा कहा कि बच्चे इसमें स्वयं भी समझेंगे और घर परिवार व समाज के लोगों को भी समझायेंगे। रैली संयोजक रमेश गोयल, जो 8 वर्षों से मिशन रूप में पर्यावरण व जल संरक्षण के प्रति निरन्तर प्रयासरत हैं, ने कहा कि यदि अभी भी हम लापरवाह रहे तो आने वाली पीढ़ी को प्राकृतिक संसाधनों के लिए बहुत तरसना पडेगा। जल के बिना जीवन की कल्पना करते हुए जल की कमी का एहसास करें और जल बर्बाद न करने का संकल्प करें। रैली के आयोजन व सफल बनाने में सर्वश्री जी.एस.मान, शिव कुमार मितल व अशोक गुप्ता का उन्होंने विशेष आभार व्यक्त किया। रैली में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि डा0 आर एस सागवान, आनन्द बियाणी, मक्खन लाल गोयल, डा0 गुलाब सिंह, दीपक शर्मा, सुरेन्द्र ग्रोवर, सुरेन्द्र जोशी, सुभाष शर्मा, कमल रेलन एडवोकेट, जिला जन सम्पर्क अधिकारी श्री मुकेश महता व सीए गोपाल बांसल सहित अनेक गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे।

 

Tiger electrocuted: A tiger that was radio-collared in 2016 was found electrocuted in the Naghbid forest range in Brahmapuri forest division of Chandrapur district in Maharashtra. Forest officials do not rule out the fact that the two-year-old sub-adult tiger was poached by locals. A  study by the Wildlife Protection Survey of India (WPSI) found that 84 tigers had died in Maharashtra between 2010 and 2017, of which 25 had been poached. The study was based on the annual forest department reports of the Centre and the state. In 2017, the state saw four deaths, with one of them poached. The highest number of deaths took place in 2016 — 16 deaths. Four tigers were poached in 2012. Tigers and leopards are protected under Schedule 1 of the Wildlife Protection Act, 1986. According to the state forest department, there are 202 tigers currently across the state and approximately 905 leopards.

March-April  2017

दुर्लभ प्रजाति के कछुवे बरामद गिरोह का भंडाफोड़

ट्रीटेक नेटवर्क

उत्तर प्रदेश वन विभाग एवं स्पेशल टास्क फाॅर्स के सम्मिलित प्रयास से २० मार्च को आगरा में एक अंतराष्ट्रीय वन्य तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया और २३ दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को बचा लिया गया । तस्कर गिरोह के सरगना अजय सिंह व उसके साथी दीपेंद्र को पकड़कर उनके विरुद्ध वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कारवाही की जा रही है।

ज्ञातव्य है कि इसटीऍफ एवं वन विभाग के अथक प्रयासों के बावजूद भी कछुओं का अवैध व्यापार लगातार जारी है । पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने वाइल्डलाइफ सेल का नेतृत्व कर रहे अपर पुलिस अधीक्षक अरविन्द चतुर्वेदी को वन्यजीवों का अवैध वयापार के रोकथाम की जिम्मेदारी सौपी। डॉ चतुर्वेदी ने गंगा के किनारे बसे जनपदों कानपूर फरूखाबाद एवं फतेहपुर में अपना अभिसूचना तंत्र फैला दिया। पुलिस उपाधीक्षक पीके मिश्र तथा निरीक्षक राजेश त्रिपाठी भी उनके कार्य में सहयोग कर रहे थे। जब वे इस कार्य में लगे थे उसी समय उनको सूचना मिली कि आगरा को केंद्र बनाकर चम्बल से दुर्लभ प्रजाति के कछुवों कि तस्करी की जा रही है। सूचना पते ही एसटीएफ कि टीम ने आगरा में कैंप लगा दिया और आगरा ग्वालियर मैनपुरी अदि आसपास के कैचमेंट एरिया से सम्बंधित जानकारी जुटाना प्रारम्भ कर दिया। इस कार्य में डीएफओ आगरा डीके सिंह ने भी सहयोग किया। इसी के अन्तर्गत २० मार्च को उन्होंने कछुओं का अवैध व्यापार करने वाले अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरोह के सरगना अजय सिंह व उसके साथी को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे २३ दुर्लभ प्रजाति के लाल तिलकधारी नामक कछुओं को लेकर चेन्नई जा रहे थे। पूछताछ के दौरान अजय ने स्वीकार किया कि वह गाठ पांच छह वर्षों से कछुओं का अवैध व्यापार कर रहा है और उसका चेन्नई और कोलकाता  के बड़े तस्करों से सम्बन्ध है। उनसे बताया कि मुख्यतया वह लालतिलकधारी व चित्रा प्रजाति का ही व्यापार करता है क्योंकि विदोशों में इनकी कीमत बहुत अधिक मिलती है। चेन्नई से इन्हें सिंगापूर एवं थाईलैंड भेज जाता है। सिंगापूर में २००० डॉलर यानी १.५ लाख रूपये प्रति कछुवा मिलते हैं। अपर पुलिसअधीक्षक ने बताया कि इस अवैध व्यापार में स्थानीय लोग या कोई विभागीय व्यक्ति शामिल नहीं। नासमझ मछुवारे इन तस्करो के कहने पर इन विशेष दुर्

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