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इन फूलों का सेवन करने से होती हैं कई बीमारियों दूर

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इन फूलों का सेवन करने से होती हैं कई बीमारियों दूर

ध्यान रहे कि हर फूल की अलग अलग प्रजातियां भी मौजूद हैं। ऐसे में आप केवल सही प्रजाति के फूलों का ही सेवन करें, वह भी किसी विशेषज्ञ की सलाह पर...

इन फूलों का सेवन करने से होती हैं कई बीमारियों दूर

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फूलों का उपयोग ज्यादातर पूजा, त्योहार और सजावट के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि फूलों के अंदर कैरोटीनॉइड, फ्लेवनोइड्स, और फ्लेवौनोल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा फूलों के अंदर प्रोटीन कैरोटीन, तेल, विटामिन और सैकराइड्स जैसे पोषक तत्व भी शामिल हैं। वैसे तो ये सभी तत्व पत्तेदार सब्जियों के अंदर पाए जाते हैं, ऐसे में अगर आप भी सेहतमंद रहना चाहते हैं तो आप भी फूलों का उपयोग कर सकते हैं। चलिए हम यहां आपको बताते है कि किन-किन फूलों का सेवन आप कर सकते हैं। गुड़हल मुख्य रूप से पाचन से संबंधित समस्या और महिलाओं में प्रजनन की समस्या से निपटने के काम आता है। इसके अलावा गुड़हल को डायबिटीज और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इस फूल के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, इन्हीं गुणों की वजह से यह इतनी सारी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। लैवेंडर का सेवन करने से नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने में मदद मिलती है। वहीं अगर आप इसका रोजाना सेवन करते हैं तो ये आपके कई तरह के संक्रमण एवं मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या को समाप्त करने का काम करता है। इसके अलावा ये बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है। गुलाब के अंदर बहुत से ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। वहीं गुलाब को विटामिन्स का एक बहुत बड़ा स्त्रोत भी माना गया है, इसका उपयोग खान के स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। गेंदे के फूल का उपयोग कई सालों से पूजा के लिए किया जाता है, वहीं इसको सजावट क लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपके पेट से संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाने के काम आते हैं। लैवेंडर की खेती बहुत अरसे से की जा रही है। इस फूल के अंदर बहुत से गुण हैं जिनके जरिए सेंट्रल नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने में मदद मिलती है। साथ ही यह कई तरह के संक्रमण एवं मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या को भी खत्म कर सकता है। इसके अलावा यह बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है। इसका उपयोग बेक्ड ब्रैड, सलाद की सजावट और डेसर्ट बनाने के लिए भी किया जाता है। रोजमैरी दूसरे फूलों से बेहद अलग है। इसका उपयोग आमतौर पर गार्निशिंग के तौर पर किया जाता है। इसके अंदर विटामिन ए, विटामिन बी, और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसके अलावा रोजमैरी को आयरन का भी एक अच्छा स्रोत माना जाता है। यह बेहद स्वादिष्ट है। चमेली के फूल का उपयोग आमतौर पर लोग घरों मे सजावट के लिए करते हैं। इसके अलावा चमेली के फूल का उपयोग बहुत से मीठे व्यंजनों में भी स्वाद को बेहतर करने के लिए किया जाता है। इस फूल के अंदर बहुत से एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो बहुत सी समस्याओं से निपटने का कार्य करते हैं। सूरजमुखी दिखने में जितने ज्यादा सुंदर होते हैं, उतने ही इनके फायदे भी होते हैं। इस फूल के अंदर बहुत से खनिज पदार्थ एवं विटामिन्स पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें फ्लेवोनोइड्स भी मौजूद होता है। सूरजमुखी के फूल ही नहीं बल्कि इसके तनों और कलियों का भी सीधा उपयोग किया जाता है। इस फूल का उपयोग बहुत से व्यंजनों को तैयार करने में किया जाता है। कमल  भारत का राष्ट्रीय फूल भी है। इसका उपयोग एशियाई देशों में चाय तैयार करने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों में विटामिन ए, विटामिन बी, और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसके सेवन से शरीर को बहुत से पोषक तत्व मिलते हैं, जिसके जरिए आप बीमारियों से बचे रहते हैं। - ध्यान रहे कि हर फूल की अलग अलग प्रजातियां भी मौजूद हैं। ऐसे में आप केवल सही प्रजाति के फूलों का ही सेवन करें, वह भी किसी विशेषज्ञ की सलाह पर।
पानी के संपर्क में आते ही यह फूल पारदर्शी हो जाता है
कुदरत के पिटारे में कई नायाब और अनमोल तोहफे हैं। इन्हीं में से एक है डिपहिल्लेया ग्रे। एक ऐसा फूल जो दिखने में तो आम है, लेकिन इसमें एक बेहतरीन खूबी है। इस फूल को पहली बार देखकर शायद ही आप यह अंदाजा लगा पाएंगे कि इसमें कुछ खास है। असल में यह सामान्य सा दिखने वाला सफेद फूल पानी के संपर्क में आते ही पारदर्शी हो जाता है। ऐसे जैसे क्रिस्टल का बना हो। ऐसा फूल की पंखुड़ियों में ढीली कोशिका संरचना के कारण होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पखुड़ियों पर पानी की बूंदें पड़ती हैं तो ये एक वाटर इंटरफेस बनाता है। ऐसे में रोशनी इस फूल के आर-पार हो जाती है।ये फूल जापान के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है और लोग इसे स्केलेटन फ्लावर भी कहते हैं।
हरा नींबू क्या है?
हरा नींबू एक खट्टा फल है। ये जितना छोटा होता है उतने ही ज्यादा इसमें न्यूट्रिएंट्स होते हैं। इसके जूस, फल, पील और ऑयल का इस्तेमाल दवाईयों को बनाने के लिए किया जाता है। हरा नींबू पानी को डायट में शामिल करने से पाचन में सुधार होता है। इसमें कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो आंतों में गैस्ट्रिक जूस का स्त्राव बढ़ाता है जिससे पाचन में आसानी होती है। साथ ही, इसके रस में मौजूद एसिड भोजन को पचाने में भी मदद करता है। इसलिए खाना खाने के बाद नींबू पानी का सेवन सेहत के लिए हितकारी हो सकता है। कई रिसर्च के अनुसार ये बात सामने आई है कि खट्टे फलों से कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। नींबू विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत है। यह बहुत ही अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है। इसको नियमित तौर पर लेने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। इसके नियमित इस्तेमाल से दिल की बीमारी का खतरा भी कम होता है। हरा नींबू में मौजूद विटमिन सी चेहरे को ड्रायनेस, झुर्रियों और सन डैमेज से बचाता है। इसको नियमित पीने से बॉडी डिटॉक्सिफाई होती है। इसका सीधा असर हमारी त्वचा पर चमक के रूप में दिखता है। त्वचा को जवां रखने के लिए यह बेहतर और आसान विकल्प हो सकता है। कुछ शोध के अनुसार, विटामिन सी मधुमेह के मरीजों का बढ़ा हुआ शुगर लेवल पूरे दिन कम रखने में सहायक है। नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में शामिल होता है। इसलिए इसे डायबिटीज के पेशेंट के लिए अच्छा माना जाता है। हरा नींबू में सिट्रिक एसिड और विटामिन सी होता है। 2014 में किए गए एक शोध के अनुसार विटामिन सी और सिट्रिक एसिड किडनी स्टोन को गलाने के लिए लाभदायक है। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि विटामिन सी और सिट्रिक एसिड को अपने आहार में शामिल करने से पथरी होने की संभावना कम होती है। नींबू बेहद सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में पेट की समस्या को यह ट्रिगर कर सकता है। अगर आपको खट्टे फलों से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें। जिन लोगों को एसिडिटी रहती है वो भी इससे दूरी बनाकर रखें। 

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