घर में हर रोज जलाà¤à¤‚ तेज-पतà¥à¤¤à¤¾
तेज पतà¥à¤¤à¤¾ हर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रसोई में आपको आसानी से मिल जाà¤à¤—ा। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ जितना सबà¥à¤œà¥€ का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है उतना ही लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ होती है इसकी सà¥à¤‚गध। कैसे? इसे जलाने से थकान तो दूर होती ही है साथ ही दिमाग à¤à¥€ शांत हो जाता है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ को à¤à¤• बरà¥à¤¤à¤¨ में रखें फिर घर के किसी कोने में या किसी कमरे में जलाकर छोड़ दें। इसके बाद आपको खà¥à¤¦ महसूस होगा कि तेज पतà¥à¤¤à¤¾ जलाने से आपका घर तो महक ही रहा है साथ ही ये आपके तनाव को à¤à¥€ कम करने का काम करेगा। वैसे तेज पतà¥à¤¤à¥‡ के धà¥à¤à¤‚ को इमà¥à¤¯à¥‚ेन सिसà¥à¤Ÿà¤¹à¤® मजबूत करने वाला à¤à¥€ माना जाता है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ घर के कॉकरोच à¤à¥€ à¤à¤—ाने का काम करता है। इसे जलाकर कमरे या रसोई के कोनों में रख दें। à¤à¤¸à¤¾ करने से आपको खà¥à¤¦ ही फरà¥à¤• नजर आने लगेगा। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखने योगà¥à¤¯ बातः जब à¤à¥€ तेज पतà¥à¤¤à¤¾ का कोई पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें तो सिरà¥à¤« à¤à¤• पतà¥à¤¤à¤¾ जलाà¤à¤‚ यानि à¤à¤• बार में सिरà¥à¤« à¤à¤• और घर के छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से दूर हटकर जलाà¤à¤‚। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ का वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नाम लॉरस नोबिलिस है। यह à¤à¤• सà¥à¤—ंधित पतà¥à¤¤à¤¾ है, जो लॉरस परिवार से संबंधित है। खाने और औषधि में इसका उपयोग 1 हजार वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से किया जा रहा है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ की 2400 से 2500 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं, जिसमें से अधिकतर पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ व उतà¥à¤¤à¤°à¥€ अमेरिका और à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में पाई जाती हैं। इस पतà¥à¤¤à¥‡ में टैनिन, फà¥à¤²à¥‡à¤µà¥‹à¤¨, फà¥à¤²à¥‡à¤µà¥‹à¤¨à¥‹à¤‡à¤¡à¥à¤¸, à¤à¤²à¥à¤•à¤²à¥‰à¤‡à¤¡à¥à¤¸, यूजेनॉल, लिनालूल और à¤à¤‚थोसायनिन शामिल हैं। पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¤à¥€ के रासायनिक घटक अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर मसाले, à¤à¤¸à¥‡à¤‚शियल ऑयल व पारंपरिक चिकितà¥à¤¸à¤¾ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होने वाले इस पतà¥à¤¤à¥‡ की दो पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की जाती हैंः लॉरस à¤à¤œà¥‹à¤°à¤¿à¤•à¤¾ और à¤à¤² नोबिलिस। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ का उपयोग इसके सूखने के बाद ही होता है। इसके कई औषधीय गà¥à¤£ à¤à¥€ हैंः मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ की समसà¥à¤¯à¤¾ से जूठरहे लोगों के लिठतेज पतà¥à¤¤à¥‡ का सेवन लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ हो सकता है। à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€) की वेबसाइट पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° तेज पतà¥à¤¤à¤¾ यà¥à¤•à¥à¤¤ कैपà¥à¤¸à¥‚ल का सेवन इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ के सà¥à¤¤à¤° में सà¥à¤§à¤¾à¤° कर सकता है। इससे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रकà¥à¤¤ में गà¥à¤²à¥‚कोज की मातà¥à¤°à¤¾ घट सकती है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ खाने के फायदे में खांसी, फà¥à¤²à¥‚, बà¥à¤°à¥‹à¤‚काइटिस, असà¥à¤¥à¤®à¤¾ व इनà¥à¤«à¥à¤²à¥‚à¤à¤‚जा जैसी सांस से जà¥à¥œà¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से राहत मिलना à¤à¥€ शामिल है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ के अरà¥à¤• में à¤à¤‚टीइंफà¥à¤²à¥‡à¤®à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ गà¥à¤£ पाठजाते हैं, इसलिठइसे सूजन कम करने में मददगार माना जा सकता है। इसमें à¤à¤¥à¤¨à¥‰à¤²à¤¿à¤• à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ और कà¥à¤› अनà¥à¤¯ कंपाउंड पाठजाते हैं, जिसमें à¤à¤‚टीइंफà¥à¤²à¥‡à¤®à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ और दरà¥à¤¦à¤¨à¤¿à¤µà¤¾à¤°à¤• पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ होता है। इनके कारण तेज पतà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤µà¤¸à¤¨ तंतà¥à¤° में आई सूजन और उससे पैदा होने वाली बीमारियों से बचाव कर सकता है। दांतों के लिठà¤à¥€ तेज पतà¥à¤¤à¤¾ फायदेमंद हो सकता है। वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कहते हैं कि इसकी टहनियों में कà¥à¤› वाषà¥à¤ªà¤¶à¥€à¤² (सामानà¥à¤¯ तापमान पर आसानी से à¤à¤¾à¤ª बनने वाले) तेल होते हैं, जो खून के बहाव को बेहतर कर सकते हैं। साथ ही इसमें विटामिन-सी जैसे टैनिन पाठजाते हैं, जो मसूड़ों के टिशà¥à¤¯à¥‚ में कसाव लाकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ बनाठरख सकते हैं। साथ ही तेज पतà¥à¤¤à¥‡ से बनने वाली राख से मंजन करने से मसूड़े मजबूत हो सकते हैं। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤‚ह में बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को पनपने से à¤à¥€ रोक सकता है। à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ की वेबसाईट पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° तेज पतà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤¸à¥‡à¤‚शियल ऑयल मà¥à¤‚ह में पाठजाने वाले सà¥à¤Ÿà¥ˆà¤«à¤¿à¤²à¥‹à¤•à¥‰à¤•à¤¸ ऑरियस नामक बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के खिलाफ लड़ सकता है। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास में बाधा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है। à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ की ओर से उपलबà¥à¤§ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ की गई है। इस अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में यह à¤à¥€ कहा गया है कि तेज पतà¥à¤¤à¤¾ के गà¥à¤£ पेट के कैंसर से बचाव कर सकते हैं। à¤à¤• अनà¥à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, तेज पतà¥à¤¤à¥‡ के अरà¥à¤• में कैंसर रोधी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पाया जाता है, जो सà¥à¤¤à¤¨ कैंसर के विकास को बाधित कर सकता है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ में मौजूद à¤à¤‚टीपà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¿à¤«à¥‡à¤°à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ (कोशिका पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° को रोकने वाले) और साइटोटॉकà¥à¤¸à¤¿à¤• (कोशिकानाशक) गà¥à¤£ सà¥à¤¤à¤¨ कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं। इसलिà¤, कहा जा सकता है कि तेज पतà¥à¤¤à¤¾ खाने के फायदे में कैंसर से बचाव शामिल है। दरà¥à¤¦ व सूजन के लिठà¤à¥€ तेज पतà¥à¤¤à¥‡ के फायदे बहà¥à¤¤ हैं। à¤à¤• ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में पाया गया है कि ये पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बà¥à¤µà¥à¤—à¥-2 नामक à¤à¤‚जाइम की गतिविधि को रोकने का काम कर सकती हैं। इस à¤à¤‚जाइम के कारण शरीर में सूजन बॠसकती है। इसके अलावा, इस पतà¥à¤¤à¥‡ में मौजूद सिनेओल à¤à¥€ सूजन से लड़ने का काम कर सकता है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤‚टीफंगल गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ समृदà¥à¤§ होता है। यह विशेष रूप से कैंडिडा à¤à¤²à¥à¤¬à¥€à¤•à¥ˆà¤‚स नाम के यीसà¥à¤Ÿ संकà¥à¤°à¤®à¤£ के खिलाफ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ रूप से काम कर सकता है। इसलिà¤, तà¥à¤µà¤šà¤¾ संबंधी फंगल संकà¥à¤°à¤®à¤£ के लिठतेज पतà¥à¤¤à¥‡ का à¤à¤¸à¥‡à¤‚शियल ऑयल इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में लाया जा सकता है। इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤¬à¥€à¤†à¤ˆ की साइट पर होती है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ घाव को बेहतर रूप से à¤à¤°à¤¨à¥‡ में मदद कर सकता है। यह किडनी की मांसपेशियों को सीधे आराम देने में कारगर हो सकता है। इसमें लॉरिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡ पाया जाता है, जो किडनी की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से राहत दिला सकता है। à¤à¤• शोध से इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ होती है कि तेज पतà¥à¤¤à¥‡ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ इथेनॉल अरà¥à¤• कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² सीरम सà¥à¤¤à¤° को कम करने में सहायक हो सकता है। कोलेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰à¤² के नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ रहने से हृदय का सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ à¤à¥€ ठीक रहता है। बालों के लिठआप à¤à¤• कप पानी में कà¥à¤› तेज पतà¥à¤¤à¥‡ उबालें और 15 मिनट के बाद पानी से पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को निकाल लें। ठंडा होने पर पानी को शैंपू के बाद बालों और सà¥à¤•à¥ˆà¤²à¥à¤ª पर लगाà¤à¤‚। बेहतर परिणाम के लिठà¤à¤• दिन छोड़कर आप यह उपाय कर सकते हैं। दरà¥à¤¦ और सूजन से राहत पाने के लिठतेज पतà¥à¤¤à¥‡ के तेल का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जा सकता है। इसके लिठआप इसके तेल की कà¥à¤› बूंदें पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ जगह पर लगाà¤à¤‚ और हलà¥à¤•à¥‡ हाथों से मालिश करें। सरà¥à¤¦à¥€-जà¥à¤•à¤¾à¤® और पाचन जैसी समसà¥à¤¯à¤¾ के लिठतेज पतà¥à¤¤à¥‡ को उबालकर इसका पानी पिया जा सकता है। ताजे तेज पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¤• सीलबंद जिप पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• बैग में बंद करके फà¥à¤°à¤¿à¤œ में à¤à¤•-दो हफà¥à¤¤à¥‡ तक सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° करके रखा जा सकता है। वहीं, सूखे हà¥à¤ तेज पतà¥à¤¤à¥‡ को सूखे व à¤à¤¯à¤° टाइट डिबà¥à¤¬à¥‡ में सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° करें। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ को कà¤à¥€ खà¥à¤²à¥‡ में नहीं रखना चाहिà¤, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि खà¥à¤²à¥‡ में इनकी खà¥à¤¶à¤¬à¥‚ जलà¥à¤¦à¥€ कम हो जाती है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ के लाठआप जान चà¥à¤•à¥‡ हैं, लेकिन अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में इसका सेवन दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ का कारण à¤à¥€ बन सकता है, जैसेः गरà¥à¤à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के दौरान इसका सेवन करने से पहले अपने डॉकà¥à¤Ÿà¤° से जरूर पूछ लें। यह मसाला खून में शà¥à¤—र की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर सकता है। इसलिà¤, मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के रोगी इसका सेवन डॉकà¥à¤Ÿà¤° की सलाह पर ही करें। ये पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤¨à¥‡à¤¸à¥à¤¥à¥€à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾ की दवाओं के साथ रिà¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ करके केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ तंतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ तंतà¥à¤° को धीमा कर सकती है। इसलिठसरà¥à¤œà¤°à¥€ से कम से कम 2 सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ पहले इनका सेवन रोक देना सही निरà¥à¤£à¤¯ साबित हो सकता है। तेज पतà¥à¤¤à¤¾ के नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ में à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ à¤à¥€ शामिल है। तेज पतà¥à¤¤à¥‡ से बनाया गया à¤à¤¸à¥‡à¤‚शियल ऑयल संवेदनशील तà¥à¤µà¤šà¤¾ पर à¤à¤²à¤°à¥à¤œà¥€ का कारण बन सकता है।
अदà¥à¤à¥à¤¤ जीव चींटी की जीवनचरà¥à¤¯à¤¾
साहस, à¤à¤•à¤¤à¤¾, दृà¥à¤¤à¤¾, निरंतरता, धैरà¥à¤¯, मेहनत जैसे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की जब बात की जाती है, तो हमारे जहन में चींटी का नाम आना सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है। चींटियां समूह में रहकर जीवन-यापन करती हैं, जो समाज के लिठसामà¥à¤¹à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· उदाहरण हैं। à¤à¤²à¥‡ ही हम केवल लाल और काली चींटी के बारे में ही जानते हों लेकिन दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में चींटियों की करीब 12,000 पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मौजूद हैं जिनमें से कà¥à¤› ही मानव के लिठहानिकारक होती हैं। कà¥à¤¯à¤¾ आपको पता है की चीटियां जिंदगी à¤à¤° कà¤à¥€ सोती नहीं है। चींटियों के कान नही होते है लेकिन वो जमीन के कमà¥à¤ªà¤¨ से महसूस करती है। सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ चीटियों को तीन समूह में बांटा गया है, जिनमें पà¥à¤°à¤®à¥à¤–तः मादाà¤à¤‚ ही होती हैंः रानी चींटी का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° कारà¥à¤¯ अणà¥à¤¡à¥‡ देना है। ये नये समूह का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करती हैं। वे अपने साथी को अपने पंखों के माधà¥à¤¯à¤® से ढूंढती हैं। ये सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ तथा उनकी देखरेख के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ कोई कारà¥à¤¯ नहीं करती। इनके लारà¥à¤µà¤¾ होने के समय पर अधिक खिलाया जाता है, जिस कारण यह कारà¥à¤¯ करने वाली चींटियों से अधिक बड़ी होती हैं। तथा यह समूह के मà¥à¤–िया की à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¥€ हैं। पंख रहित शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• चींटी मादा चींटियां सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ कारà¥à¤¯ करती हैं जैसे समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ समूह के लिठà¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ करना, घर बनाना तथा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की देखरेख करना आदि। इन चींटियों के लारà¥à¤µà¤¾ होने के समय पर रानी चींटी की अपेकà¥à¤·à¤¾ इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कम à¤à¥‹à¤œà¤¨ दिया जाता है। ये चींटियां कठोर परिशà¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· उदाहरण होती हैं। रानी चींटी को ढूंढने के लिठनर चींटी के पास पंख होते हैं। इनका à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° कारà¥à¤¯ रानी चींटी से मिलना होता है। इनसे मिलने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ इनकी मृतà¥à¤¯à¥ हो जाती है। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डà¥à¤°à¥‹à¤¨ कहा जाता है। चींटिंयो का समूह तीस वरà¥à¤· तक बना रह सकता है, यह उनकी रानी चींटी की उमà¥à¤° पर निरà¥à¤à¤° करता है। रानी चींटी के मरने के बाद चींटियों की कॉलोनी के लिठजीवित रहना बहà¥à¤¤ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाता है और वो केवल कà¥à¤› महीने तक ही जीवित रह पाती हैं। चींटिंयों की आबादी इनकी पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर निरà¥à¤à¤° करती है। फायर à¤à¤¨à¥à¤Ÿ चींटिंयों की आबादी बà¥à¤ˆ चींटियों की अपेकà¥à¤·à¤¾ अधिक होती है। फायर à¤à¤‚ट बà¥à¤ˆ चींटियों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में अधिक नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨à¤¦à¥‡à¤¹ à¤à¥€ होती हैं। चीटियों के शरीर से फेरोमोन नामक हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता है, जो इनको à¤à¤• दूसरे से जोड़ने तथा à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में सहायता करता है। इसी हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ की सà¥à¤—ंध इनके लिठसंकेत का कारà¥à¤¯ करती है, जिसकी सहायता से ये à¤à¥‹à¤œà¤¨ की तलाश में कई दूर निकलने के बाद à¤à¥€ वापस अपने घर तक पहà¥à¤‚च जाती हैं। चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ये अपने शरीर में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ छिदà¥à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से सांस लेती हैं, जो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पानी में à¤à¥€ सांस लेने में सहायता करते हैं। सबसे रोचक बात यह है कि चींटियां अपने शरीर के वजन से 10-50 गà¥à¤¨à¤¾ अधिक वजन उठा सकती हैं। साथ ही कà¥à¤› चींटियां कà¥à¤·à¤¤à¤¿à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होने पर à¤à¥€ जीवित रह सकती हैं तथा कà¥à¤› à¤à¥‹à¤œà¤¨ पानी के बिना सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक जीवित रह सकती हैं। चीटियाठलाइन में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चलती हैं? पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कीट अपने ढंग से विचारों और समाचारों का आदान-पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हैं. इसी तरह चींटियाठà¤à¥€ अपने सहयोगियों तथा समूह से संपरà¥à¤• बनाये रखने तथा à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि की सही सूचना देने के लिठरसायनों का उपयोग करती हैं। जब चीटीयॉ खाने की खोज में निकलती हैं तो सबसे आगे चलने वाली चीटी चलते समय फेरोमोंस नामक रसायन छोडती हैं जिससे उनके पीछे चलने वाली चीटियॉ उसी रसायन को सूंघ कर आगे बढती है और इस सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ कि महक अधिक समय तक नहीं रहती हे इस लिठपीछे आने वाली चींटियाठउस महक को ताजा बनाने के लिठसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ लगाती हà¥à¤ˆ à¤à¤• लाइन में चलती रहती हैं यही कारण है कि हमें चीटियॉ हमेशा लाइन में ही चलती हà¥à¤ˆ दिखाई देती हैं।
गाय के मूतà¥à¤° के पीछे का विजà¥à¤žà¤¾à¤¨
गाय का मूतà¥à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤¦ में गरम, कसैला और कड़क लगता है, जो कि विष नाशक, जीवाणॠनाशक, शकà¥à¤¤à¥€ से à¤à¤°à¤¾ और जलà¥à¤¦ ही पचने वाला होता है। इस बात का दावा किया गया है कि गरà¥à¤à¤µà¤¤à¥€ गाय का मूतà¥à¤° सबसे अचà¥à¤›à¤¾ होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसमें विशेष हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ और खनिज पाया जाता है। जूनागॠकृषि विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤‚धान में सामने आया है कि गोमूतà¥à¤° में 5600 तरह के ततà¥à¤µ होते हैं। à¤à¤• अनà¥à¤¯ अनà¥à¤¸à¤‚धान से पता चला है कि गाय के दूध में 5100 ततà¥à¤µ होते हैं। ये à¤à¤• जैविक टोनिक के सामान है। यह शरीर-पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ में औषधि के सामान काम करता है और अनà¥à¤¯ औषधि की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤“ं को à¤à¥€ बà¥à¤¾à¤¤à¤¾ है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ के अलावा मॉडरà¥à¤¨ मेडिकल साइंस में à¤à¥€ गौमूतà¥à¤° पर की गई रिसरà¥à¤š ने à¤à¥€ इसके हेलà¥à¤¥ बेनिफिटà¥à¤¸ को साबित किया है। हालिया रिसरà¥à¤š में गौमूतà¥à¤° को कई सीरियस और जनरल बीमारियों के लिठफायदेमंद बताया गया है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में गौमूतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कई बीमारियों के इलाज के लिठकिया जाता है। वैसे तो गौमूतà¥à¤° अपने आप में à¤à¤• दवा की तरह है। मगर इसमें कà¥à¤› और जड़ी बूटियां मिलाकर दी जाà¤à¤‚ तो इसका असर कई गà¥à¤¨à¤¾ बॠजाता है। गोमूतà¥à¤° में कारà¥à¤¬à¥‹à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡, यूरिया, फासà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ, यूरिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡, पोटैशियम और सोडियम होता है । जब गाय का दूध देने वाला महिना होता है, तब उसके मूतà¥à¤° में लेकà¥à¤Ÿà¥‹à¤œà¤¨ रहता है, जो हà¥à¤¦à¤¯ और मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के विकारों के लिठफायदेमंद होता है। à¤à¤• खास बात गोमूतà¥à¤° हमेशा सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ देशी गाय का ही लिया जाना चाहिठऔर गोमूतà¥à¤° को हमेशा निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ तापमान पर रखा जाना चाहिठन अधिक गरà¥à¤® और न अधिक ठंडा। गोमूतà¥à¤° का कितना सेवन करना चाहिठयह मौसम पर निरà¥à¤à¤° है। इसकी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ कà¥à¤› गरà¥à¤® होती है इसीलिठगरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में इसकी मातà¥à¤°à¤¾ कम लेनी चाहिà¤à¥¤ गोमूतà¥à¤° के साइंटिफिक फायदों में लिखा है- “गौमूतà¥à¤° में आयरन, कॉपर, नाइटà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨, सलà¥à¤«à¤°, मैगनीज, कारà¥à¤¬à¥‹à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡, à¤à¤‚जाइमà¥à¤¸, मिनरलà¥à¤¸, विटामिन जैसे à¤, बी, सी, डी, ई, यूरिक à¤à¤¸à¤¿à¤¡, हॉरà¥à¤®à¥‹à¤¨, गोलà¥à¤¡ à¤à¤°à¤¿à¤¡ आदि पाठजाते हैं। यह विषैले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को शरीर से बाहर निकलाता है। इससे रोगों से लड़ने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ है और साथ ही यह à¤à¤• संकà¥à¤°à¤®à¤£ रोधी की तरह काम करता है।”
Leave a comment